एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट के आखिरी दिन मंगलवार (24 जून) को इंग्लैंड ने रिकॉर्ड रन चेज के साथ भारत को हराया। लीड्स में भारतीय टीम 371 रन का लक्ष्य देने के बाद भी हार गई। पहली बार ऐसा हुआ कि एक टेस्ट मैच में भारत की ओर से 5 शतक लगे। इसके बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा। शुभमन गिल की कप्तानी में यह पहला मैच था। इस मैच में भारत के टॉप ऑर्डर की बल्लेबाजी पॉजिटिव रही। ऋषभ पंत ने दोनों पारी में शतक जड़ा।
आइए जानते हैं भारत की हार के 5 कारण
72 रन पर 13 विकेट – भारतीय टीम की निचले क्रम की बल्लेबाजी चिंता का कारण है। दोनों पारियों में वह भरभरा गई। पहली पारी में 41 रन पर आखिरी 7 विकेट गिरे। इसके बाद दूसरी पारी में 31 रन पर 6 विकेट गिर गए। 5 दिन बल्लेबाजी के लिए बेहतरीन पिच पर 72 रन पर 13 विकेट गंवाना हार का बड़ा कारण है।
जायसवाल की फील्डिंग– भारत फील्डिंग खराब रही। खासकर यशस्वी जायसवाल की। भारत ने पहली पारी में 5 विकेट गंवाए। दूसरी पारी में 2 कैच छूटे। हालाकिं, दूसरी पारी मे जैक क्रॉली का कैच आसान नहीं था। जसप्रीत बुमराह ने फॉलो थ्रू में कैच लेने की कोशिश की, लेकिन नहीं ले पाए। जायसवाल ने 4 कैच टपकाए।
बेदम गेंदबाजी– जसप्रीत बुमराह को छोड़कर भारत की गेंदबाजी बेदम दिखी है। बुमराह भी लंबे स्पेल में गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं। मोहम्मद सिराज ने दूसरी पारी में अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन विकेट नहीं ले पाए। पहली पारी में उन्होंने काफी साधारण गेंदबाजी की। प्रसिद्ध कृष्णा काफी महंगे साबित हुए। दोनों पारियों में उन्होंने 6 से ज्यादा की इकॉनमी से रन दिए। शार्दुल ठाकुर की गेंदबाजी भी साधारण दिखी। बल्ले से भी नहीं चले।
जसप्रीत बुमराह की नोबॉल – जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में हैरी ब्रूक को पहली पारी में डक पर आउट कर दिया था। गेंद नोबॉल हो गई। हैरी ब्रूक ने 99 रन की पारी खेल दी। इस 99 रन की पारी की मदद से इंग्लैंड 465 रन तक पहुंचा।
टॉस – लीड्स में भारत की हार का एक कारण टॉस भी रहा। 2017 के बाद से 7वीं बार लीड्स में दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती। 5 बार 250 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल हुआ। तीसरी बार 320 रन से ज्यादा का लक्ष्य हासिल हुआ।