इंडियन टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कप्तान ने अपनी रिटायरमेंट की खबरों पर विराम लगाते हुए कहा कि इस बात का फैसला बीसीसीआई को करना है। जिंबाब्वे में 11 जून से शुरू हो रही लिमिटेड ओवरों की श्रृंखला के लिए टीम की रवानगी से पहले प्रेस कॉफ्रेंस में धोनी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मैं खेल का लुत्फ नहीं उठा रहा हूं, यह फैसला बीसीसीआई को करना है। इस पर फैसला मुझे नहीं करना।’
धोनी टीम इंडिया के पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री की हाल में की गई उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने टेस्ट कप्तान विराट कोहली को सभी प्रारूपों में कप्तान बनाने का समर्थन किया था। शास्त्री ने कहा था कि धोनी को कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त करके खेल का लुत्फ उठाने देना चाहिए। धोनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल रहे हैं।
अपने भविष्य को लेकर सवालों पर नपा तुला जवाब देने वाले धोनी ने उस समय विस्तृत जवाब दिया जब उनसे यह पूछा गया कि भारत के अगले कोच के रूप में वह कैसे व्यक्ति को देखना चाहते हैं। धोनी ने कहा कि अगर नया कोच हिंदी काफी अच्छी तरह नहीं भी बोलता हो तो उसे यहां की संस्कृति की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। बीसीसीआई ने भी अपने विज्ञापन में आवेदकों के लिए इसे पात्रता के रूप में रखा है।
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धोनी ने कहा, ‘संवाद बड़ी समस्या नहीं है। हमने देखा है कि नये खिलाड़ियों के साथ अंग्रेजी बड़ी बाधा नहीं है। मुझे लगता है कि हिंदी में बात करना मापदंड होना चाहिए लेकिन सिर्फ यही मापदंड नहीं होना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति का चयन किया जाना चाहिए।’
धोनी ने कहा कि खुद को देश की ओर से खेलने के लिए प्रेरित करना कभी समस्या नहीं रही और सबसे अहम पहलू फिटनेस है। उन्होंने कहा, ‘आपको कुछ समय के लिए ही देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है और यह मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है और इसे हासिल करने के लिए मुझे खुद को फिट रखना होगा।’
भारत के सीमित ओवरों के कप्तान ने कहा, ‘मैं अभी 35 बरस का हूं और जिस दिन मैं अब जितना तेज नहीं दौड़ पाउंगा उस दिन मुझे पता चल जाएगा कि मेरा समय पूरा हो गया। मुझे खुद को अधिक फिट रखना होगा। फिटनेस काफी अहम है लेकिन मैं तेज गेंदबाज नहीं हूं और मेरे शरीर की मांग अलग है।’