भारत और साउथ अफ्रीका के बीच कटक में टी20 सीरीज का पहला मैच खेला गया। इस मैच में अपने 100 टी20 इंटरनेशनल विकेट को लेकर जसप्रीत बुमराह काफी चर्चा में रहे, लेकिन अब ऐसा सवाल उठ रहा है कि बुमराह को जिस गेंद पर 100वां विकेट मिला वो नो बॉल थी। यानी थर्ड अंपायर से भूल होने की बात कही जा रही है।

हार्दिक पंड्या करेंगे दूसरी शादी? कटक टी20 के बाद पार्टनर माहिका शर्मा के लिए कही स्पेशल बात; देखें Video

क्या था पूरा मामला?

दरअसल साउथ अफ्रीका की पारी का 7वां विकेट डेवाल्ड ब्रेविस के रूप में गिरा था। जसप्रीत बुमराह ने उन्हें 11वें ओवर की दूसरी गेंद पर सूर्यकुमार यादव के हाथों कैच आउट करवाकर पवेलियन भेजा था। जिस वक्त ब्रेविस आउट होकर जा रहे थे, उस वक्त थर्ड अंपायर केएन. अनंत पद्मनाभन ने नो बॉल चेक करी लेकिन बाद में उन्होंने इसे लीगल डिलीवरी करार दिया।

ब्रेविस तो आउट हो गए, लेकिन सोशल मीडिया पर इस विकेट की तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। कई फैंस भी बुमराह के इस 100वें विकेट को लेकर कंफ्यूज हैं। किसी ने इसे नो बॉल कहा तो कोई कहे रहा है कि यह सही गेंद थी। अब इसमें अंपायर की गलती थी, या तकनीक की समस्या थी या फिर सही गेंद थी? इसके लिए विस्तार से जानते हैं कि रूल बुक के हिसाब से क्या नियम होता है?

क्या कहती है रूल बुक?

एमसीसी के रूल नंबर 21.5 की बात करें तो इसके अनुसार किसी गेंद को सही मानने के लिए गेंदबाज का फ्रंट फुट और बैक फुट कहां पड़ रहा उसे देखना जरूरी होता है। गेंदबाज का पीछे वाला पैर रिटर्न क्रीज के अंदर होना चाहिए और उस लाइन को भी नहीं टच करना चाहिए।

अभिषेक शर्मा-शुभमन गिल ओपनर, संजू सैमसन बाहर; दूसरे टी20 के लिए भारत की संभावित प्लेइंग 11

वहीं फ्रंट फुट नॉन स्ट्राइक की क्रीज या लाइन से पीछे होना चाहिए। पैर चाहें हवा में हो या जमीन में लाइन के पीछे होना अनिवार्य है। इसके अलावा गेंदबाज का कोई भी पैर मिडिल स्टंप के सामने नहीं होना चाहिए। अगर यह तीनों कंडीशन सही होती हैं तो गेंद को लीगल डिलीवरी कहा जाता है। वरना वह नो बॉल हो जाती है।

अब पिछले कुछ वक्त से नो बॉल थर्ड अंपायर द्वारा भी देखी जाती है। वैसे पुराने समय में या कुछ साल पहले तक यह काम अंपायर का ही होता था। अभी भी यह जिम्मेदारी नॉन स्ट्राइकिंग एंड वाले अंपायर की ही होगी। अब तकनीक बढ़ने के बाद थर्ड अंपायर को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि फील्ड अंपायर से गलती हो तो थर्ड अंपायर गेंद को सही से तकनीक के जरिए देख पाए। ब्रेविस के इस मामले में दोनों अंपायर्स ने नो बॉल नहीं दी।