मैनचेस्टर टेस्ट के अंतिम दिन इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और भारतीय बल्लेबाजों रविंद्र जडेजा और और वॉशिंगटन सुंदर के बीच जो कुछ हुआ, उसने क्रिकेट की ‘जेंटलमैन गेम’ वाली छवि को झटका दिया है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्क रामप्रकाश ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए इंग्लैंड की टीम की आलोचना की है। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का समर्थन किया है।

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मार्क रामप्रकाश ने कहा है कि स्टम्प माइक्रोफोन और इंग्लिश टीम की ओर से कहे गए शब्द ‘बेन स्टोक्स ब्रिगेड’ के लिए कतई अच्छे नहीं हैं। रामप्रकाश इंग्लैंड और भारत के बीच मैनचेस्टर टेस्ट के पांचवें दिन के आखिरी 30 मिनट में हुई घटना का जिक्र कर रहे थे।

जडेजा 89, सुंदर 80 रन पर नाबाद थे

    दरअसल, मैनचेस्टर टेस्ट का आखिरी दिन ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था। तभी बेन स्टोक्स भारतीय बल्लेबाजों जडेजा (89 रन) और सुंदर (80 रन) के पास आए और हाथ मिलाकर मैच खत्म करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन दोनों भारतीय बल्लेबाज अपने शतकों के करीब थे। उन्होंने खेल जारी रखने का फैसला किया। इसके बाद बेन स्टोक्स ने हैरी ब्रूक और जो रूट जैसे पार्ट-टाइम गेंदबाजों से बॉलिंग कराई।

    इसी दौरान स्टम्प माइक में स्टोक्स की यह टिप्पणी रिकॉर्ड हुई, ‘जड्डू, क्या तुम ब्रूक और डकेट के खिलाफ टेस्ट 100 बनाना चाहते हो?’ इस पर जडेजा ने पलटकर कहा, ‘तो क्या आप चाहते हो कि मैं ऐसे ही चला जाऊं? तभी पास खड़े जैक क्रॉली ने कहा, ‘जा सकते हो, हाथ मिलाओ।’

    ऐसी घटनाएं लगाती हैं शानदार खेल पर धब्बा: रामप्रकाश

    रामप्रकाश ने इस व्यवहार पर सवाल उठाते हुए स्काई स्पोर्ट्स से कहा, ‘इंग्लैंड की टीम शानदार टेस्ट क्रिकेट खेल रही है और प्रशंसा की हकदार है, लेकिन इस तरह की घटनाएं शानदार खेल पर धब्बा लगाती हैं। यह बर्ताव उनकी टीम की सही छवि नहीं दर्शाता।’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही स्थिति इंग्लैंड के बल्लेबाज के साथ होती, जो 90 रन पर नाबाद होता, तो क्या वे भी जल्दी खेल खत्म करने को तैयार हो जाते?

    ‘बेन स्टोक्स को थोड़ा और संवेदनशील होना चाहिए था’

    रामप्रकाश ने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाड़ी ऑनर बोर्ड पर नाम दर्ज कराने को लेकर गर्व महसूस करते हैं। ऐसे में जडेजा और सुंदर का शतक पूरा करने की कोशिश करना पूरी तरह जायज था।’ रामप्रकाश ने बेन स्टोक्स की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा, ‘स्टोक्स को थोड़ा और संवेदनशील होना चाहिए था। विपक्षी कप्तान की मंजूरी के बिना मैच खत्म करने का फैसला करना जल्दबाज़ी थी।

    वाशिंगटन सुंदर के लिए बड़ा क्षण था: मार्क रामप्रकाश

    मार्क रामप्रकाश ने वाशिंगटन सुंदर के बारे में कहा, ‘वाशिंगटन सुंदर के लिए यह पहला टेस्ट शतक था। वह शायद दोबारा यह मौका कभी न पाए, इसलिए उनके लिए यह एक बड़ा क्षण था।’ बता दें कि मैनचेस्टर में वाशिंगटन सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। रविंद्र जडेजा ने भी छक्का जड़कर अपना दूसरा टेस्ट शतक बनाया। इसके बाद दोनों टीमें मैच ड्रॉ कराने पर राजी हुईं।