भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। रांची में अब उनकी नजर सीरीज अपने नाम करने पर है। भारतीय स्पिनर्स ने अब तक अच्छा खेल दिखाया है लेकिन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह टीम के लिए सबसे कामयाब गेंदबाज साबित हुए हैं। रांची टेस्ट में बुमराह टीम का हिस्सा नहीं होंगे। ऐसे में भारतीय स्पिनर्स के सामने बैजबॉल को रोकने की बड़ी चुनौती होगी। रविंद्र जडेजा, आर अश्विन और कुलदीप यादव की तिकड़ी के लिए बुमराह के बिना यह करना आसान नहीं होने वाला है।

इंग्लैंड ने माना बुमराह का होना अच्छी खबर

बुमराह की गैरमौजूदगी इंग्लैंड के लिए भी बड़ी राहत है। यही कारण है कि सीरीज में 196 की पारी खेलने वाले ओली पोप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना कि रांची में बुमराह का होना उनके लिए अच्छी खबर है। बुमराह ने टीम के लिए हर रोल निभाया है। चाहे वह नई गेंद से अच्छी शुरुआत करना हो, रिवर्स स्विंग करना हो, बीच के ओवर में विकेट दिलाना हो।

बुमराह ने हर बार कराई टीम की वापसी

राजकोट टेस्ट की पहली पारी में जब इंग्लैंड 224/2 के स्कोर पर पहुंच गया था वहां से बुमराह ने ही जो रूट को आउट करके टीम को सफलता दिलाई। दूसरी पारी में उन्होंने अपने किफायती स्पैल के साथ स्पिनर्स के लिए विकेट के लेने की राह तैयार की। तीसरे दिन लंच से 20 पहले इंग्लैंड ने सधी बल्लेबाजी के साथ 184/4 का स्कोर बना लिया था। रोहित शर्मा उस समय बुमराह को लाए और इंग्लैंड लंच से पहले दो विकेट खो दिए।

हर मैच के साथ घातक होते जा रहे हैं स्पिनर्स

भारतीय स्पिनर्स ने इस सीरीज में 29.6 के औसत से मिलाकर 31 विकेट लिए है। भारतीय स्पिनर्स का इतिहास इसी तरह का रहा है कि जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती है, वह बल्लेबाजों की कमजोरी और ताकत पहचान जाते हैं, पिच को समझ जाते हैं और फिर घातक हो जाते हैं। रविंद्र जडेजा हैदराबाद की दूसरी पारी में अलग गेंदबाज थे और राजकोट की दूसरी पारी में अलग। उन्होंने राजकोट में बेहतर खेल दिखाया। कुलदीप और अश्विन की कहानी भी ऐसी रही है।

जसप्रीत बुमराह के आंकड़े

पिच चाहे भारत की हो या विदेश की। जसप्रीत बुमराह का टीम में होना हर कप्तान एक बड़ी राहत है। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो बुमराह ने जनवरी साल 2018 में डेब्यू किया। तबसे अब तक वह टीम के लिए 35 मैच खेल चुके हैं। इसमें से भारत 16 जीता और 16 हारा। 2018 से 2024 के बीच भारत 24 मैच बुमराह के बिना खेला।