संदीप द्विवेदी। इंग्लैंड के लंबे दौरे की शुरुआत में ही भारतीय टीम संकट में है। हेडिंग्ले टेस्ट में उसे जीत दर्ज करनी चाहिए थी, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। अब शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम को एजबेस्टन टेस्ट में अपने एमवीपी के बिना उतरना पड़ सकता है। हेडिंग्ले में 44 ओवर गेंदबाजी करने के बाद जसप्रीत बुमराह का एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट के लिए बाहर बैठना तय है। 10 जुलाई को लंदन में ‘होम ऑफ क्रिकेट’ लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट में उनकी वापस की उम्मीद है।

बर्मिंघम टेस्ट लगभग एक सप्ताह में शुरू होगा, लेकिन यह समय बहुत कम है। भारतीय टीम को गेंदबाजी विभाग को दुरुस्त करने की जरूरत है। भारत के तेज गेंदबाजों को कुशल होने की जरूरत है और इसमें समय लगता है। अनुशासन और रणनीति भी जरूरी है। दो दिन के ब्रेक के बाद भारतीय टीम नेट्स पर होगी।

भारत 20 विकेट कैसे लेगा

अगर बुमराह के होने पर भारत 20 विकेट नहीं ले सकता, तो अपने मुख्य विकेट लेने वाले गेंदबाज के बिना ऐसा कैसे होगा? यह टीम प्रबंधन के सामने बड़ा सवाल है। एजबेस्टन टेस्ट के लिए वे जिन गेंदबाजों को चुनेंगे उन्हें इसका जवाब देना होगा। प्रतिकूल परिस्थितियां खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा सकती हैं। जिम्मेदारी का बोझ नए लीडर्स को सामने ला सकता है, लेकिन ये खेल वाली फिल्मों की टेम्पलेट कोट हैं। असल जिंदगी में, बेन डकेट और जैक क्रॉली का मदद न मिलने वाली पिच पर सामना करना पड़ता है।

भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की कमियां उजागर

टेस्ट के अंतिम दिन इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की कमियों को उजागर किया। दो आक्रामक बल्लेबाजों ने गेंदबाजों को न सिर्फ बुरी तरह से पीटा, बल्कि उन्हें पटरी से उतार दिया से बाहर कर दिया। उन्होंने दिखाया कि भारत के तेज गेंदबाजों में उस कौशल और रणनीति की कमी है, जो इंग्लैंड में आश्चर्यजनक रूप से बल्लेबाजी के अनुकूल पिचों पर काम करत सकती हैं। या तो कोचों ने अच्छी योजना नहीं बनाई या गेंदबाज उन्हें लागू करने में कुशल नहीं थे। कुल मिलाकर भारत 0-1 से पिछड़ रहा है, क्योंकि वह चौथी पारी में 371 रन का बचाव नहीं कर सके।

भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड की टीम का ऐलान

स्टंप को टारगेट करने की जरूरत

पहले टेस्ट में प्रमुख बल्लेबाजों के आउट होने के तरीके पर करीब से नजर डालने से एक पैटर्न का पता चलता है। फुल बॉल पर विकेट मिलने का सबसे अच्छा मौका था। सचिन तेंदुलकर ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यह भी कहा था कि बुमराह को भी स्टंप को टारगेट करने की जरूरत है। फुल ऑन-द-स्टंप बॉल से बल्लेबाजों को दिक्कत में डाल सकते हैं। इससे विकेट मिल सकते हैं। यह वह गेंद है जो बोल्ड, एलबीडब्लू और स्टंप के पीछे कैच का ऑप्शन देती है। डकेट, क्रॉली, जो रूट, यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, शुभमन गिल सभी ऐसी गेंदों पर आउट हुए जो फुल लेंथ पर पिच हुई और बहार निकलीं।

प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर से क्या गलती हुई

सबसे ज्यादा दो भारतीय गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर की आलोचना हुई। वे अंतिम दिन के महत्वपूर्ण पहले सत्र के दौरान आदर्श लाइन और लेंथ पर टिके रहने में विफल रहे, जब भारत को कोई विकेट नहीं मिला और इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाजों ने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया। उस दिन हेडिंग्ले की पिच सूखी और भूरी थी, लेकिन 5वें दिन बादल छाए रहे और बूंदाबांदी हुई। हवा में नमी थी, स्विंग का फायदा मिल रहा था, स्टंप्स को हिट करना था। क्रिकेट पंडितों का कहना है कि फुल बॉल ज्यादा स्विंग पाती हैं क्योंकि वे हवा में ज्यादा देर तक रहती हैं। प्रसिद्ध और ठाकुर उस सिद्धांत को नहीं मानते या उन्हें वैकल्पिक योजनाएं दी गईं।

प्रसिद्ध और शार्दुल ने दबाव खत्म कर दिया

बुमराह और सिराज ने अपने पहले स्पैल में विकेट नहीं लिए थे, लेकिन उन्होंने कम से कम ओपनर बल्लेबाजों को परेशान किया और रन फ्लो को नियंत्रित रखा। लेकिन जब प्रसिद्ध और शार्दुल ने गेंदबाजी की तो दबाव खत्म हो गया और रन बनाना अचानक आसान हो गया। प्रसिद्ध द्वारा फेंके गए पहले ओवर पर ध्यान दें। उन्होंने यॉर्कर से शुरुआत की। ऐसा नहीं लगा कि यह बल्लेबाजों को चौंका देने की योजना थी, लेकिन यह एक तेज गेंदबाज था, जो टेस्ट क्षेत्र में नया था और ‘फुल बॉलिंग’ थ्योरी का पालन करने के लिए उत्सुक था।

अगली गेंद को थोड़ा पीछे खींचा, लेकिन यह अभी भी ओवर-पिच थी। उनसे जो उम्मीद थी वह उस काम को नहीं कर पा रहे थे। प्रसिद्ध ने क्षतिपूर्ति के लिए एक छोटी गेंद फेंकी। गेंद ने डकेट के बल्ले का किनारा लिया और सब कुछ भूल गया। भारत को तीसरे तेज गेंदबाज से बेहतर काम की जरूरत है।

अर्शदीप सिंह या आकाशदीप को तुरंत प्रभाव डालना होगा

बर्मिंघम में बुमराह की जगह अर्शदीप सिंह या आकाशदीप में से जो भी खेलेगा उसे तुरंत प्रभाव डालना होगा। वे जोश टंग या ब्रायडन कार्स से प्रेरणा ले सकते हैं, जो बहुत ज्यादा टेस्ट नहीं खेले हैं। लेकिन उन्होंने जरूरी काम किया। ठाकुर का पहला ओवर सबसे खराब रहा। उन्होंने लेग पर हाफ वॉली से शुरुआत की, जिसे डकेट ने सीधे फील्डर के हाथों में मारा। एक बाउंड्री बच गई। लेकिन अगली गेंद भी वैसी ही थी और उसे फाइन पर फ्लिक कर दिया गया। इससे बिना जोखिम के बाउंड्री आसानी से मिल गई। जब प्रसिद्ध और ठाकुर ने 18वें से 23वें ओवर तक साथ में गेंदबाजी की तो इंग्लैंड ने लगभग 6 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए। स्कोरिंग क्रम 5, 4, 9, 6, 5 रहा और स्कोर 63/0 से 92/0 हो गया।

सिराज को भी अपनी पेस प्लान को बदलना होगा

इंग्लैंड जल्दी से 100 के करीब पहुंच गया और दबाव कम हो गया था और परिस्थितियां बेकार हो गई थीं। आने वाले दिनों में अगला टेस्ट शुरू होने से पहले भारत को अपने नंबर 3 और नंबर 4 के तेज गेंदबाजों को पहली गेंद से ही जोन में हिट करना सिखाना होगा। सिराज को भी अपनी पेस प्लान को बदलना होगा। उनकी निप-बैकर ने बल्लेबाजों को परेशान किया है, लेकिन यहां विकेट लेने वाली गेंद साबित नहीं हुई है।

भारत को मोहम्मद शमी की जरूरत

सिराज को डेक हिट करने की आदत है। इससे वह स्टंप मिस करते हैं या बाहरी किनारे लेने में सक्षम नहीं रही हैं। उनका दूसरा भरोसेमंद हथियार स्क्रैम्बल्ड सीम बॉल है, लेकिन इंग्लैंड में कम से कम हेडिंग्ले में यह काम नहीं आया। यहां भारत को एक ऐसे तेज गेंदबाज की जरूरत थी, जिसकी सीम अच्छी हो और जो गेंद को फुल और ऑफ-स्टंप पर रखे। दूसरे शब्दों में, भारत को मोहम्मद शमी की जरूरत है।

सिराज करेंगे गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व

कौशल और अनुशासन अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज लंबे समय तक नेट पर अभ्यास करने के बाद हासिल करते हैं। लेकिन पेस बॉलिंग अटैक का नेतृत्व करने की क्षमता का क्या होगा? बुमराह की अनुपस्थिति में सिराज को उस भूमिका में होना होगा।

सिराज को अभी भी एक सीनियर की जरूरत

मैदान पर ऐसा भी पल आया जब लगा कि सिराज को अभी भी एक सीनियर की जरूरत है, जो उनके कंधे पर हाथ रख सके। अपने एक स्पेल में सिराज ने अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला। कैच भी छूट रहे थे। एक बेहतरीन गेंद पर डकेट की एज विकेटकीपर के ऊपर से निकल गई और सिराज के कंधे झुक गए, वह मूर्ति की तरह खड़े होकर खाली हाथ देख रहे थे। बुमराह को पता था कि क्या करना है उन्होंने उनकी पीठ थपथपाई और उन्हें फील्डिंग पोजीशन पर ले गए। इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने भी उनके साथ ऐसा ही किया है।

आई ओनली विलीव इन जस्सी भाई

बुमराह की अनुपस्थिति में सिराज को स्ट्राइक बॉलर, दूसरों के लिए मेंटर और खुद के लिए प्रेरक बनना होगा। बुमराह के बारे में बात करते हुए अति-भावनात्मक सिराज की एक मशहूर रील है, जिन्होंने हाल ही में भारत को असंभव जीत दिलाई थी। वह कहते हैं, ” आई ओनली विलीव इन जस्सी भाई बिकॉज ही इज द ओनली गेम चेंजर।” अब उन्हें गेम-चेंजर भी बनना होगा।