भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज पर रांची में कब्जा जमा लिया। धर्मशाला में 7 मार्च से खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट से पहले भारतीय टीम के पास 3-1 की बढ़त है। इसके बाद भी भारतीय टीम आखिरी टेस्ट को हल्के में नहीं ले रही। यही कारण है कि उसने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को स्क्वाड में शामिल कर लिया है। रांची टेस्ट में वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण नहीं खेलने वाले जसप्रीत बुमराह को धर्मशाला में भारतीय टीम की पेस अटैक को लीड करते देखा जाएगा। आइए जनते हैं कि क्यों धर्मशाला टेस्ट में बुमराह की वापसी हुई? भारतीय टीम को यह टेस्ट जीतना क्यों जरूरी है?
जसप्रीत बुमराह की वापसी
भारत में धर्मशाला एक ऐसा वेन्यू है जहां इंग्लैंड,ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें घर जैसा महसूस करती हैं। ठंड और बारिश की संभावाना के कारण इंग्लैंड को इन परिस्थितियों में फायदा उठा सकता है। जेम्स एंडरसन और मार्क वुड जैसे गेंदबाज इन परिस्थितियों में कहर बरपा सकते हैं। मौसम के देखते हुए भारतीय टीम 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकती है। यही वजह है कि बुमराह की टीम में वापसी हुई है। दो तेज गेंदबाज भी खेले तो भी बुमराह घातक साबित हो सकते हैं।
रिवर्स स्विंग से इंग्लैंड को परेशानी में डाला
पहले तीन टेस्ट मैचों में स्पिनर्स से ज्यादा जसप्रीत बुमराह ने अपनी घातक रिवर्स स्विंग से इंग्लैंड को परेशानी में डाला। बुमराह ने 9 विकेट लेकर विशाखापत्तनम टेस्ट में भारत को जीत दिलाई थी। 106 रन की जीत में पहली पारी में 45 रन देकर 6 विकेट लिए थे। बुमराह ने सीरीज में 80.5 ओवर फेंके और 13.65 की औसत से 17 विकेट लिए। भारतीय टीम ने सीरीज में अभी तक स्लो पिच पर खेलने का विकल्प चुना है। धर्मशाला में ऐसी पिच तैयार करने की पूरी कोशिश होगी। इन परिस्थितियों में भी बुमराह घातक साबित हो सकते हैं।
डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिहाज से धर्मशाला टेस्ट जीतना जरूरी
इंग्लैंड के खिलाफ 3-1 से सीरीज नाम करने के बाद भारतीय टीम धर्मशाला टेस्ट जीतकर स्कोरलाइन 4-1 करना चाहेगी। इसका वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के रैंकिंग पर असर पड़ेगा। भारतीय टीम फिलहाल दूसरे नंबर पर है। न्यूजीलैंड पहले नंबर पर है। जीत से भारत की स्थिति और मजबूत होगी। भारत को इस साइकल में 3 और टेस्ट सीरीज खेलनी है। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड की मेजबानी करेगा। फिर साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएगा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुनौती आसान नहीं होगी। ऐसे में वह घरेलू सरजमीं पर कोई टेस्ट नहीं गंवाना चाहेगा।