इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम 1-2 से पिछड़ने के बाद मैनचेस्टर टेस्ट से पहले खिलाड़ियों के चोटिल होने से परेशान है। इस मैच में आकाशदीप और अर्शदीप सिंह उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज को इंग्लैंड से अचानक बुलावा आया है। बॉक्सिंग के गढ़ करनाल से आने वाले कंबोज को मैनचेस्टर में डेब्यू का मौका मिलता है यै नहीं यह देखने वाली बात होगी। आकाशदीप की जगह प्लेइंग 11 में शामिल होने की रेस में प्रसिद्ध कृष्णा भी शामिल हैं।
अंशुल कंबोज ने पिछले घरेलू सत्र में शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 1 ही पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया। अंशुल के आइडल ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा हैं। कंबोज उनकी गेंदबाजी के वीडियो बार-बार देखते हैं। वह भी मैक्ग्रा की तरह सटीक लाइन लेंथ से गेंदबाजी करते हैं। वह मानते हैं कि यह उनकी ताकत है, जिससे बल्लेबाज परेशान होते हैं।
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‘AK47’ नाम कैसे पड़ा
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 41 पारियों में 22.88 के औसत से 79 विकेट लेने वाले अंशुल कंबोज को हरियाणा की ड्रेसिंग रूम में ‘AK47’ के नाम से बुलाया जाता है। कंबोज को ‘AK47’नाम मिलने के पीछे दिलचस्प कहानी है। AK यानी अंशुल कंबोज और 47 उनका जर्सी नंबर है। कंबोज ने जर्सी नंबर 47 चुनने की दिलचस्प वजह खुद द इंडियन एक्सप्रेस को बताई थी।
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जर्सी नंबर 47 की कहानी
अंशुल कंबोज ने कहा, “जब नंबर के लिए पूछा गया तो हर कोई अपना जन्मदिन या लकी नंबर चुन रहा था, लेकिन मैं कुछ यूनिक ढूंढ़ रहा था, जो मेरे नाम से मैच करे। इसलिए मैंने 47 चुना। इससे तुकबंदी भी अच्छी होती है। अब हर कोई मुझे इसी नाम से बुलाता है।” कंबोज ने रणजी ट्रॉफी 2024-25 में 6 मैच की 12 पारियों में 13.79 के औसत से 34 विकेट लिए।