संदीप द्विवेदी, देवेंद्र पांडे। भारत-इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट चर्चा का विषय बना हुआ है। टेस्ट सीरीज के भारतीय टीम के ऐलान के दौरान ही यह साफ था कि बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण केवल 3 टेस्ट खेलेंगे। उन्होंने पहला टेस्ट खेला, दूसरे में आराम किया और तीसरे में खेले। भारतीय टीम सीरीज में 1-2 से पीछे है। ऐसे में एक बार फिर मैनचेस्टर में दुनिया के नंबर-1 तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह खेलेंगे या नहीं इसे लेकर बहस तेज है।

इस बीच द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में भारत के पूर्व फिटनेस कोच (Strength and Conditioning Coach) सोहम देसाई ने कहा है कि बुमराह का इस्तेमाल बुद्धिमानी से होना चाहिए। 5 साल तक भारत के फिटनेस कोच रहे सोहम देसाई ने कहा कि बुमराह को साल में कुछ मौकों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ यानी बड़े मौकों पर इस्तेमाल के लिए तैयार रखना चाहिए। उनके लिए एक ट्रेनर्स की छोटी सी टीम रखनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने न्यूजीलैंड की रग्बी टीम और पैट कमिंस का भी उदाहरण दिया।

बुमराह को मैनेज करने का चैलेंज

बुमराह को लेकर सोहम देसाई ने कहा, “मैं 2014 से उन्हें जानता हूं, जब वे अपनी एसीएल चोट के कारण आरटीपी (रिटर्न टू प्ले) पर थे। गुजरात रणजी ट्रॉफी के दिनों से। वे खास हैं, एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अनूठा खिलाड़ी बनने के लिए बहुत मेहनत की है। उनके जैसे खिलाड़ियों को मैनेज करने के लिए लंबे समय के विजन को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना होता है। आदर्श रूप से उनके इर्द-गिर्द गेंदबाजों में खिलाड़ियों मे ज्यादा बदलाव नहीं होना चाहिए।”

न्यूजीलैंड की रग्बी टीम और पैट कमिंस का उदाहरण दिया

सोहम देसाई ने कहा, “न्यूजीलैंड की मशहूर रग्बी टीम ऑल ब्लैक्स के पास एक दशक से भी ज्यादा समय तक सिर्फ एक ही फिटनेस कोच था और वह अपने खिलाड़ियों की तैयारी की देखरेख करते हैं। यहां तक कि जब वे अपने राज्यों के लिए खेलते हैं तब भी। एक व्यक्ति, एक टीम, एक दृष्टिकोण, एक नजरिया सालों से काम कर रहा है। पैट कमिंस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अपने करियर की शुरुआत में उन्हें कई बार चोट का सामना करना पड़ा। इसके बाद कुछ पेशेवरों ने उन पर दो-चार सीजन तक काम किया।”

सर्जिकल स्ट्राइक के लिए बुमराह को तैयार रखें

सोहम देसाई ने कहा, “जसप्रीत बुमराह एक अनमोल खिलाड़ी हैं और उन्हें समझदारी से मैनेज की जरूरत है। एक छोटी सी टीम को उन्हें संभालना होगा, साल में कुछ बार सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तैयार करना होगा और बाकी समय उनके साथ समझदारी से पेश आना होगा।”