राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अपने बेटे को भारत के लिए टेस्ट डेब्यू का मौका मिलने पर सरफराज खान के पिता नौशाद खान भावुक हो गए। नौशाद खान ने न केवल खुशी के आंसू बहाए बल्कि राजकोट टेस्ट के पहले दिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के साथ कमेंट्री भी की। इस दौरान आकाश चोपड़ा ने नौशाद खान से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि उनके बेटे को पदार्पण के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा। इसके जवाब में नौशाद ने शायराना अंदाज में दिया।
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नौशाद ने कहा, “रात को वक्त चाहिए गुजरने के लिए, लेकिन सूरज मेरी मर्जी से नहीं निकलने वाला।” उनकी यह शायरी बताती है कि सरफराज को कितने संघर्ष के बाद भारतीय टीम में मौका मिला है। उन्होंने कितनी मेहनत की है। सरफराज खान का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 70 का प्रभावशाली औसत है। उन्हें लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद मौका मिला। इसमें अहमदाबाद में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ सीरीज में इंडिया ए के लिए रन बनाना भी शामिल था। उन्होंने श्रेयस अय्यर की जगह डेब्यू किया। ध्रुव जुरेल ने भी डेब्यू किया। उन्हें प्लेइंग इलेवन में केएस भरत की जगह मौका मिला।
पिता के लिए भी खास है सरफराज का डेब्यू
डेब्यू केवल सरफराज खान नहीं उनके पिता के लिए भी खास है। यह उनके समर्पण और मार्गदर्शन का प्रमाण है। नौशाद ही सरफराज के कोच हैं। सफराज के छोटे भाई मुशीर खान भी क्रिकेट खेलते हैं। वह अंडर-19 वर्ल्ड कप में उदय सहारन की अगुआई वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। मुशीर ने 360 रन बनाए। वह सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे।
अनिल कुंबले ने दिया कैप
भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने सरफराज खान को टेस्ट कैप सौंपी और 26 वर्षीय खिलाड़ी को एक प्रेरणादायक संदेश दिया। टेस्ट कैप सौंपते समय कुंबले ने कहा कि सरफराज जिस तरह से उभरे हैं, उसके लिए उन्हें उन पर ‘गर्व’ है। उन्होंने कहा कि 26 वर्षीय खिलाड़ी को भारत के लिए खेलते हुए देखकर उनके पिता और पूरे परिवार को “बेहद गर्व” होगा।