भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला है। दोनों टीमें विश्व चैंपियन कहलाने के लिए अपना सबकुछ झोंकने को तैयार है। जीतने वाली टीम को चमचमाती ट्रॉफी दी जाएगी। आप वर्ल्ड कप के बारे में तो सबकुछ जानते हैं लेकिन उसकी ट्रॉफी के बारे में काफी कुछ ऐसा है जो कि आपको नहीं पता होगा।

वर्ल्ड कप की शुरुआत 48 साल पहले हुई

वर्ल्ड कप की शुरुआत 48 साल पहले हुई थी। 1999 तक इसका अलग-अलग नाम था। पहले दिन वर्ल्ड कप में इसे प्रूडेंशियल कप कहा जाता था। 1987 में रिलाइंस वर्ल्ड कप गया। 1992 में बेंसन एंड हेजस और 1996 में विल्स वर्ल्ड कप कहा गया।

25 लाख रुपए है ट्रॉफी की कीमत

वर्ल्ड कप ट्रॉफी 60 सेंटीमीटर लंबी है जो कि सोने और चांदी से बनी है। सोने से बना हुआ ग्लोब ट्रॉफी के ऊपर है। इस ग्लोब से तीन स्टिक हैं जिसे कि बेल्स और स्टंप्स की तौर पर बनाया गया है। टॉफी के नीचे का हिस्सा हार्डवुड से बनाया गया जिसपर विजेताओं का नाम लिखा जाता है। इस ट्रॉफी का वजन 11 किलोग्राम है। कीमत की बात करें तो ट्रॉफी की कीमत 30000 यूएस डॉलर यानी लगभग 25 लाख रुपए है। ये ट्रॉफी गार्राड एंड कंपनी के करीगरों ने 2 महीने की मेहनत के बाद ये ट्रॉफी डिजाइन की थी। ये कंपनी 1722 में बनी थी।

विजेताओं को नहीं दी जाती असली ट्रॉफी

वर्ल्ड कप जीतने पर ट्रॉफी टीम को जाती है लेकिन असली ट्रॉफी दुबई के म्यूजियम में रहती है। इस ट्रॉफी जैसी दिखने वाली दूसरी ट्रॉफी टीम को दी जाती है जो कि उसी के देश जाती है। भारत और ऑस्ट्रेलिया रविवार को इस ट्रॉफी को जीतने के लिए जी जान लगा देंगे। ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार यह ट्रॉफी जीती है जबकि भारत दो बार इस ट्रॉफी को घर लाने में कामयाब रहा है।