भारत में लोगों को अकसर बचपन में यह बताया जाता है कि देश का राष्ट्रीय फूल कमल है, राष्ट्रीय पक्षी कमल और राष्ट्रीय धव्ज तिरंगा है। इसके साथ ही आपने अकसर लोगों को हॉकी को देश का राष्ट्रीय खेल कहते हुए सुना होगा। वहीं कई बार कबड्डी को भी राष्ट्रीय खेल बताया जाता है। वहीं लोकप्रियता के कारण क्रिकेट को भी राष्ट्रीय खेल कह दिया जाता है। हालांकि इनमें से कोई भी भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है।

भारत का नहीं है कोई राष्ट्रीय खेल

जिस तरह भारत में राष्ट्रीय फूल, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय धव्ज को आधिकारिक तौर पर चुना है उस तरह भारतीय सरकार द्वारा किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नहीं दिया गया है। भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। हॉकी को राष्ट्रीय खेल क्यों बताया जाता है इसके पीछे भी कुछ वजह हैं। हालांकि सरकार यह साफ कर चुकी है कि भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है।

हॉकी को क्यों मान लिया गया राष्ट्रीय खेल

भारत को सन 1947 में आजादी मिली। आजादी से पहले और उसके बाद भी हॉकी ही वह खेल था जहां भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल हुई। भारत ने बैक टू बैक मेडल जीते। यही कारण है कि उस समय हॉकी को भारत का राष्ट्रीय मान लिया गया जबकि सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया था।

भारतीय सरकार ने RTI पर दिया जवाब

साल 2020 में महाराष्ट्र के धुले जिले के स्कूल शिक्षक मयूरेश अग्रवाल ने आरटीआई डालकर देश के राष्ट्रीय खेल को लेकर सवाल किया था। आरटीआई के जवाब में सरकार ने बताया कि देश का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। उन्होंने बयान में बताया, ‘भारतीय सरकार ने किसी भी खेल/गेम को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नहीं दिया है। सरकार सभी खेलों के उत्थान के लिए काम करना चाहती हैं और इसी कारण किसी एक खेल को यह दर्जा नहीं दिया है।’

किन देशों का राष्ट्रीय खेल है हॉकी

हॉकी खेल दुनिया में काफी लोकप्रिय है। हालांकि केवल दो ही देश है जहां राष्ट्रीय खेल हॉकी है। कनाडा में आईस हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान में भी हॉकी को राष्ट्रीय खेल माना गया है। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान ने भी इस खेल में काफी सफलता हासिल की है। टीम ने ओलंपिक खेलों में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। वहीं बार चार वर्ल्ड कप का खिताब भी जीत चुका है।