मिहीर वसावड़ा। आईपीएल ने भारत में कई क्रिकेटर्स की जिंदगी को बदला है। ऑक्शन की रकम ने उनके संघर्ष को आसान किया और अब ऐसा ही कुछ हॉकी इंडिया लीग के जरिए हो रहा है। हॉकी इंडिया लीग के ऑक्शन में खिलाड़ियों पर करोड़ों की बोली तो नहीं लगी लेकिन ऑक्शन ने कई खिलाड़ियों के सपनों का सच बना दिया। फुटपाथ पर लोगों की स्कूटी की सर्विस करने वाले आमिर अली की कहानी भी ऐसी ही है।

विशाखापत्तनम ने लगाई 34 लाख की बोली

20 साल के डिफेंडर पर विशाखापत्तनम की फ्रेंचाइजी ने 34 लाख रुपए की बोली लगाई और उन्हें अपने साथ जोड़ा। यह खबर जब उनके पिता को मिली तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। आस-पड़ोस के लोगों बधाई देने पहुंचे तो पिता ने कहा, ‘आमिर ने हम सभी को गर्व करने का मौका दिया है। हालांकि मुझे पता है कि यह बस शुरुआत है।’ वहीं आमिर को यकीन है कि इस पैसे से उनके परिवर की मुश्किलें आसान होंगी और उनके खेल का सफर भी जारी रहेगा।

जल निगम के बाहर मैकेनिक का काम करते थे आमिर

तस्सावुर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह जल निगम ऑफिस के बाहर एक ब्रीफकेस लेकर काम करते हैं। उनके पास कोई ढंग का गैरेज भी नहीं है। अली पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। हर किसी को लगता था कि वह पिता के साथ मैकेनिक का काम करेंगे। 12 साल के आमिर ने यह काम किया भी। वह पिता के साथ स्कूटी सर्विस करते थे।

एक दिन आमिर अपने दोस्तो के साथ केडी बाबू स्टेडियम खेलने गए। वहां के कोच भारतीय राशिद खान ने उनके अंदर के हुनर को पहचाना और उन्हें ट्रेनिंग देने लगे। परिवार वालों ने भी उधार लेकर आमिर के सपनों को पंख देने की कोशिश की। आमिर भी कई बार प्रैक्टिस छोड़कर पिता के साथ काम करते थे।

आमिर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 2014 में उन्हें मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सफई के लिए चुन लिया गया। इसके बाद धीरे-धीरे वह खेल के जरिए नाम कमाते गए। आमिर अब भारत की जूनियर टीम के कप्तान हैं जो कि सुल्तान जौहर कप खेलने वाली है। यह टूर्नामेंट भारत के गोलकीपर पीआर श्रीजेश का बतौर कोच पहला टूर्नामेंट है।