आज (27 जुलाई) को हर जगह गुरु पूर्णिमा की धूम है लोग अपने-अपने गुरुजनों को याद कर रहे हैं। सोशल मीडिया भी इससे अछूता नहीं है। लोग अपने गुरुजनों के साथ तस्वीरें साझा कर भावुक लम्हों को याद कर रहे हैं। क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी अपने गुरु रमाकांत आचरेकर के साथ ट्विटर पर फोटो शेयर कर पुराने दिनों को याद किया है।
सचिन ने ट्वीट में फोटो के साथ लिखा, “गुरु पूर्णिमा वह दिन है, जब हम उन्हें याद करते हैं, जिन्होंने हमें बेहतर संस्कार दिए हों। आचरेकर सर, मैं आपके बिना कुछ भी नहीं। अपने गुरु को याद करना ना भूलें और उनका आशीर्वाद लें।”
Today, #GuruPurnima, is the day we remember those who have taught us to be better versions of ourselves. Achrekar Sir, I couldn’t have done all this without you. Don’t forget to thank your gurus and take their blessings. #AtulRanade and I just did. pic.twitter.com/FOS64baoB3
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) July 27, 2018
क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने पूर्णिमा आती है लेकिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा इनमें अपना विशेष महत्व रखती है। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा से जुड़ा बड़ा ही दिलचस्प इतिहास है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। व्यास जी संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। शास्त्रों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों की रचना की थी। इसी कारण से उनका नाम वेदव्यास पड़ा था। माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा का दिन इन्हीं को समर्पित किया गया है। वेदव्यास जी को आदिगुरु के नाम से भी जाना जाता है। मालूम हो कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी वजह भी उपरोक्त वर्णन ही है।
बता दें कि भारत की ओर से 463 वनडे खेलने वाले तेंदुलकर ने इस फॉर्मेट में 86.23 की स्ट्राइक के साथ 18,426 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 49 शतक समेत 96 अर्धशतक भी जमाए। वहीं बात अगर टेस्ट की करें तो 200 मैचों में इस खिलाड़ी ने 51 शतक और 68 अर्धशतक की मदद से 15,921 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में सचिन 2 हजार से ज्यादा चौके लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में 2058 चौके जड़े हैं।