टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज और भारत को विश्वविजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले गौतम गंभीर ने अभी हाल ही में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी। लंबे समय से वो टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन अपनी बेबाक बयानबाजी और समाजिक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाने के कारण ऐसी अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी की गंभीर जल्दी ही सियासी पिच पर नई पारी शुरू कर सकते हैं। ऐसे में अब जब उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है तो इसके बारे में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। गंभीर ने इस बाबत एक समाचार पत्र से बातचीत के दौरान इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए अपनी इच्छा स्पष्ट कर दी है।
गंभीर से जब इस सियासी पारी के बारे में राय ली गई तो उन्होंने कहा कि अगर किसी की विचारधारा किसी पार्टी विशेष के साथ मेल खाती है और काम करने को लेकर खुलकर आजादी मिलती है तो राजनीति में जाया जा सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति सिर्फ पावर के लिए नहीं बल्कि अगर आपको लगता है कि इससे वाकई आप कुछ बदलाव कर सकते हैं तो राजनीति में जरूर हाथ आजमाना चाहिए। गंभीर ने कहा कि सिर्फ रबर स्टांप बनकर राजनीति करने का कोई मतलब नहीं है। इसके अलावा गंभीर ने क्रिकेट और अपनी करियर से जुड़ी तमाम बातों पर अपनी राय रखी।
बता दें कि गंभीर फिरोजशाह कोटला में होने वाले आध्रा के साथ मुकाबले में रणजी ट्राफी के दौरान आखिरी बार मैदान में नजर आएंगे। भारत को टी-20 और वनडे क्रिकेट में विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले गंभीर ने अपने करियर में 58 टेस्ट और 147 वनडे मैच खेले हैं। इसके अलावा उन्होंने 37 टी-20 मुकाबले भी खेले हैं जबकि अपनी कप्तानी में दो बार गंभीर ने आईपीएल में केकेआर को चैंपियन बनाया है।