क्रिकेटर युवराज सिंह की मां शबनम सिंह को 50 लाख रुपये का चूना लगा है। एक पोंजी स्कीम में उनका पैसा डूब गया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई टीम कर रही है। मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया, “इस स्कीम का मैनेजर साधना इंटरप्राइजेज से जुड़ा हुआ है। उसने बिटक्वाईन और उसी तरह के दूसरे स्कीम में 84 प्रतिशत रिटर्न का दावा कर इंवेस्ट करवाए थे और उन पैसों को शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क में खपा दिया था। बताया जाता है कि युवराज सिंह की मां ने करीब 1 करोड़ का निवेश किया था और वे अपने आधे पैसे ही वसूल कर पाई थीं। अधिकारी ने प्रारंभिक जांच में इस पूरे घोटाले के आकार का अनुमान 700 करोड़ रुपया लगाया है। इसके बढ़ने की संभावना है। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और निवेशकों द्वारा किए गए लेन-देन की जांच कर रही है।
ईडी के अस्सिटेंट डायरेक्टर रंजन कुमार मिश्रा ने शबनम सिंह को 23 अगस्त को पत्र लिख सात दिनों के अंदर फर्म से संबंधित लेन-देन और उसके औचित्य के बारे में जानकारी मांगी थी। साथी उनके इनकम टैक्ट रिकॉर्ड की भी मांग की गई थी। पत्र में कहा गया था, “मालटो एंटरप्राइज, यूनिक ट्रेडिंग कंपनी, जेमिनी ट्रेडिंग कंपनी, साधना एंटरप्राइजेज, अलीशा ट्रेडिंग कंपनी, प्रसंथ ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, शाश्वत ज्वेलरी प्राइवेट लिमिटेड, डीएनबी ट्रेडिंग, प्रसंथ ज्वैलर प्राइवेट लिमिटेड के साथ किए गए लेनदेन और उसके उद्देश्य के दस्तावेजों को विवरण के साथ दिया जाए।” वहीं, शबनम सिंह ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया है। साथ ही कहा कि उन्हें किसी तरह का नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “मुझे किसी कानून के तहत नोटिस नहीं मिला है। न हीं किसी तरक की प्रक्रिया मेरे विरूद्ध शुरू की गई है। मुझसे सिर्फ कुछ जानकारी मांगी गई थी, जिसे मैंने ऑथरिटी को दे दिया है। मैं आॅथरिटी के साथ पूर्ण सहयोग करूंगी। यदि वे कुछ और जानकारी मांगेंगे तो मैं उन्हें उपलब्ध करवाउंगी।” हालांकि, अभी तक इस केस में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभी इस मामले की जांच प्रारंभिक अवस्था में है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि ईडी शबनम सिंह द्वारा चेक के माध्यम से किए गए एक करोड़ के निवेश की जांच कर रही है। शबनम सिंह से यह वादा किया गया था कि उन्हें निवेश के बाद 7 लाख रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा, जो कि 84 प्रतिशत रिटर्न है। यह निवेश चेक के माध्यम से किया गया था। उन्हें कुछ समय तक बैंकिंग माध्यम से रिटर्न भी मिला। लेकिन 50 लाख मिलने के बाद भुगतान बंद हो गया। ईडी की जांच साधना इंटरप्राइजेज सहित कुछ अन्य फर्मों पर केंद्रित है जो पोंजी स्कीम, बिटक्वाईन ट्रेडिंग और हवाला कारोबार में लिप्त हैं।