भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी गोपाल भेंगरा का निधन हो गया। लंबे समय से बीमार भेंगरा की सरकार या हॉकी संघ सुध लेने नहीं आया और सोमवार को रांची के गुरुनानक अस्‍पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

गुमनामी का जीवन जी रहे 73 साल के भेंगरा ने अपने ज़िंदगी पत्‍थर तोड़ते-तोड़ते गुजार दी। संन्यास के बाद भेंगरा को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा और एक समय तो उन्होंने रोजी-रोटी तक के लाले पड़ गए थे। जिसके बाद वे पत्थर तोड़ने लगे। दरअसल 1978 में सेना से अवकाश गृहण के बाद सुरक्षा गार्ड की नौकरी के लिए आवेदन किया मगर चयन नहीं हुआ। तब गांव में ही पत्‍थर तोड़ किसी तरह जीवन यापन करने लगे। इसके एवज रोज उन्हें महज 40-50 रुपए कमाई होती थी।

उनकी आर्थिक दुर्दशा को देखकर भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर एक संगठन के माध्यम से उनकी मदद की थी। उनकी संस्था चैंप्स द्वारा उन्हें हर माह 7500 रुपये भेजे जाते थे। 2017 की बात है रांची में हो रहे क्रिकेट टेस्‍ट मैच में कमेंटेटर के रूप में गावस्‍कर रांची आये थे तब उन्‍होंने भेंगरा से मुलाकात की थी। भारतीय टीम की जर्सी भी दी थी।

गोपाल कहते थे कि हॉकी ने तो उन्हें पूरी तरह ठुकरा दिया, लेकिन महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने उन्हें अपना लिया। गोपाल भेंगरा को ब्रेन हेमरेज हुआ था। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर ने इस बात की जानकारी दी थी। इसके अलावा उनकी एक किडनी भी खराब थी , जिसके कारण उनकी स्थिति और खराब हो गयी थी। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

बता दें कि भेंगरा ने अर्जेंटीना में आयोजित 1978 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह विश्व कप में अर्जेंटीना और पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे। भेंगरा के साथ खेल चुके अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुशील तोपनो ने बताया कि वे गुस्सैल थे। आर्मी में एएससी सप्लाई कोर टीम से खेलते थे।

गोपाल के खेल में पावर ज्यादा थी। विपक्षी खिलाड़ी उनके सामने आने से घबराते थे। 1978 में वे रिटायर हो गए। कुछ साल पश्चिम बंगाल के मोहन बागान क्लब से फुटबॉल भी खेला। रिटायर होने पर सरकार खिलाड़ियों का उपयोग नहीं कर पाती और एक अच्छे खिलाड़ी का अंत बुरा होता है।

भेंगरा के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी गोपाल भेंगरा जी के निधन की खबर से आहत हूं। हमेशा देश का सिर ऊंचा रखा – चाहे वह देश की सीमाओं पर हो या हॉकी में देश का प्रतिनिधित्व हो। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।’