Anshuman Gaekwad is suffering from blood cancer: भारत को 1983 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाने वाले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने बीसीसीआई से अपने साथी खिलाड़ी अंशुमान गायकवाड़ के लिए वित्तीय सहायता मांगी है। पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंशुमान ब्लड कैंसर से जूझ रहे हैं और लंदन में उनका इलाज चल रहा है। कपिल देव ने बताया कि वह और मोहिंदर अमरनाथ, सुनील गावस्कर, संदीप पाटिल, दिलीप वेंगसरकर, मदन लाल, रवि शास्त्री और कीर्ति आजाद जैसे अन्य भारतीय खिलाड़ी अपने साथी खिलाड़ी के लिए धन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

कपिल ने बीसीसीआई से सहायता की अपील की

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ की हालत से बेहद दुखी हैं और उनका मानना ​​है कि बोर्ड उनकी मदद के लिए आगे आएगा। उन्होंने बीसीसीआई से बीमार अंशुमान गायकवाड़ को वित्तीय सहायता देने का आग्रह किया है। कपिल देव ने स्पोर्टस्टार से बात करते हुए कहा कि यह दुखद और बहुत निराशाजनक है। मैं बहुत दुखी हूं, क्योंकि मैंने अंशु के साथ खेला है और उसे इस हालत में नहीं देख सकता। किसी को भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए।

कपिल ने आगे कहा कि मुझे पता है कि बोर्ड उसका ख्याल रखेगा। हम किसी को मजबूर नहीं कर रहे हैं। अंशु के लिए कोई भी मदद दिल से करनी होगी। कुछ खतरनाक तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए उसके चेहरे और सीने पर चोटें आई थी जब वो खेलते थे, लेकिन अब समय आ गया है कि हम उसके लिए खड़े हों। मुझे यकीन है कि हमारे क्रिकेट प्रशंसक उसे निराश नहीं करेंगे और उन्हें उसके ठीक होने की प्रार्थना करनी चाहिए।

संदीप पाटिल ने इस साल की शुरुआत में गायकवाड़ के ब्लड कैंसर से जूझने की खबर दी थी। पूर्व भारतीय खिलाड़ी एक साल से ज्यादा समय से कैंसर से जूझ रहे हैं और इलाज के लिए लंदन में हैं। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर वेंगसरकर ने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष सेलर से बात की, जिन्होंने अनुरोध पर विचार करने का वादा किया था। पाटिल ने यह भी बताया कि गायकवाड़ ने उन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता के बारे में बताया था। आपको बता दें कि 71 साल के अंशुमान गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले थे।

कपिल देव ने इस बात की ओर इशारा किया कि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे खिलाड़ियों की सहायता की जा सके। क्रिकेटर्स को आज की तरह आर्थिक रूप से उतना सम्मानित नहीं किया जाता था और कपिल देव ने सुझाव दिया कि बीसीसीआई को अपने समय में खेल की सेवा करने वालों की सहायता के लिए कोई व्यवस्था बनानी चाहिए। कपिल ने कहा कि दुर्भाग्य से, हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है। यह देखना बहुत अच्छा है कि खिलाड़ियों की यह पीढ़ी अच्छा पैसा कमा रही है। यह देखना अच्छा है कि सहयोगी स्टाफ के सदस्यों को भी अच्छा वेतन मिल रहा है। हमारे समय में बोर्ड के पास पैसा नहीं था। आज, उसके पास पैसा है और उन्हें अतीत के वरिष्ठ खिलाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए… अगर परिवार हमें अनुमति देता है तो हम अपनी पेंशन राशि दान करके योगदान देने के लिए तैयार हैं।