स्टार एथलीट ज्योति यारजी ने शुक्रवार को विश्व विश्वविद्यालय खेलों के 100 मीटर हर्डल रेस में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। यह इस इवेंट में भारत का पहला मेडल है। तेईस साल की याराजी ने महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस के फाइनल में 12.78 सेकंड का समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया। इस प्रदर्शन से उन्होंने अक्टूबर 2022 में दर्ज किए गए 12.82 सेकंड के अपने पहले के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से बेहतर किया।
अमलान बोरगोहेन ने भी जीता ब्रॉन्ज
स्लोवाकिया की विक्टोरिया फोर्स्टर ने 12.72 सेकंड के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि चीन की यान्नी वू ने 12.76 सेकंड के साथ रजत पदक जीता। एक अन्य राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक धावक अमलान बोरगोहेन ने भी पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में 20.55 सेकंड के सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता। पच्चीस साल का यह खिलाड़ी मामूली अंतर से 20.52 सेकंड के अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड से चूक गया।
चौथे स्थान पर है भारत
दक्षिण अफ्रीका के त्सेबो इसादोर मात्सोसो ने 20.36 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि जापान के युदाई निशी 20.46 सेकंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे। शुक्रवार को इन दो पदकों के बाद भारत अब 11 स्वर्ण, पांच रजत और नौ कांस्य पदक के साथ तालिका में चौथे स्थान पर है। पदक तालिका में चीन शीर्ष पर है, उसके बाद कोरिया और जापान हैं। विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारतीय एथलेटिक्स का पहला पदक 2013 सत्र में कजान, रूस में आया था।
जहां गोला फेंक में इंद्रजीत सिंह ने रजत पदक जीता था। इंद्रजीत ने दक्षिण कोरिया के ग्वांगझू में 2015 सत्र में स्वर्ण पदक जीता। चीनी ताइपै में 2017 सत्र संजीवनी जाधव ने 10,000 मीटर दौड़ में रजत पदक और इसके बाद दुती चंद 2019 में नेपल्स(इटली) में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही थी।