फीफा वर्ल्ड कप से पहले सिएटल में एक मैच LGBTQ+ प्राइड सेलिब्रेशन की वजह से अंतरराष्ट्रीय विवाद में बदल गया है। मिस्र और ईरान ने जून 2026 में होने वाले इस मुकाबले का कड़ा विरोध किया है। इसी कम में दोनों ने फीफा को औपचारिक शिकायत भेजी है। दोनों देशों का कहना है कि प्राइड कार्यक्रम उनके सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों के खिलाफ है। ऐसे आयोजनों से संवेदनशीलता भड़क सकती है। कहना गलत नहीं होगा कि अब यह मामला कूटनीतिक बयानबाजी और राजनीतिक तनाव तक पहुंच चुका है।

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सिएटल प्राइडफेस्ट शहर में 2007 से एक नॉन-प्रॉफिट संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है। संस्था ने FIFA की ओर से शुक्रवार को वर्ल्ड कप ड्रॉ से पहले जश्न मनाने का फैसला किया। सिएटल में होने वाले मिस्र बनाम ईरान मैच को सिएटल प्राइडफेस्ट के तहत ‘LGBTQIA+ समुदायों का उत्सव’ बताया गया। इसे लेकर स्थानीय आयोजकों ने कला प्रतियोगिता से लेकर प्राइड-थीम्ड गतिविधियों की घोषणा भी कर दी थी।

मिस्र और ईरान का कड़ा विरोध

फीफा ने हाल ही में ड्रॉ के बाद इस मैच को सिएटल आवंटित किया, जबकि उसी समय वैंकूवर में बेल्जियम और न्यूजीलैंड का मुकाबला होगा। मिस्र की फुटबॉल फेडरेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उसने फीफा को पत्र लिखकर ‘समलैंगिकता के समर्थन से जुड़े किसी भी कार्यक्रम’ पर कड़ा ऐतराज जताया है। बयान में कहा गया कि ऐसे कार्यक्रम अरब और इस्लामी समाजों के सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक मूल्यों के विपरीत हैं।’

इसी तरह ईरान के फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष मेहदी ताज ने राज्य टीवी पर कहा, ‘यह ‘अनुचित और अव्यवहारिक’ फैसला है और इसे फीफा काउंसिल की अगली बैठक में उठाया जाएगा। मिस्र और हमने आपत्ति जताई है, यह कार्यक्रम असल में एक खास ग्रुप के लिए समर्थन का संकेत देता है। हमें निश्चित रूप से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।’

ईरान में LGBTQ+ समुदाय पर सख्त कानून

ईरान में LGBTQ+ समुदाय पर सख्त कानून हैं। वहां समलैंगिकता के मामलों में मृत्युदंड तक का प्रावधान है। मिस्र में भले ही समलैंगिकता पर कानूनी प्रतिबंध स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस ‘डिबॉचरी’ यानी भ्रष्ट आचरण और ‘पब्लिक डीसेंसी’ मतलब सार्वजनिक स्थल पर शालीनता का उल्लंघन जैसे आरोपों में LGBTQ+ लोगों को गिरफ्तार करती रही है।

दुविधा में फीफा

FIFA ने मंगलवार को एसोसिएटेड प्रेस को कमेंट करने से मना कर दिया और इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या वह बेल्जियम-न्यूजीलैंड मैच को सिएटल में शिफ्ट करने पर विचार करेगा। FIFA प्रेसिडेंट जियानी इन्फेंटिनो की अध्यक्षता वाली 37 लोगों की काउंसिल के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सदस्य मिस्र के हनी अबो रिडा हैं।

फीफा ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और न ही यह स्पष्ट किया कि वह मैच स्थल बदलने या कार्यक्रम रोकने पर विचार कर रहा है। फीफा ने कतर विश्व कप 2022 में स्थानीय सांस्कृतिक मान्यताओं को प्राथमिकता देते हुए यूरोपीय टीमों को ‘वन लव’ आर्मबैंड पहनने से रोका था। अब विरोध करने वाले देश उम्मीद कर रहे हैं कि फीफा उसी ‘सांस्कृतिक सम्मान’ के तर्क को सिएटल पर भी लागू करे।

आयोजन समिति का पीछे हटने से इनकार

सिएटल आयोजन समिति ने साफ कहा है कि वह अपने प्राइड प्रोग्राम रद्द नहीं करेगी। स्थानीय समिति की प्रवक्ता हाना टाडेस्से ने कहा, ‘पैसिफिक नॉर्थवेस्ट में बड़ी ईरानी-अमेरिकी और मिस्री समुदाय है। हम सुनिश्चित करेंगे कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को सम्मान और गरिमा मिले।’

सिएटल में सबका स्वागत: मेयर

सिएटल की मेयर-इलेक्ट केट विल्सन ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, ‘सिएटल में हर कोई स्वागत योग्य है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। फीफा सिर्फ स्टेडियम और आधिकारिक फैन जोन तक सीमित नियंत्रण रखता है, इसलिए स्थानीय समुदाय के कार्यक्रमों पर उसका सीधा अधिकार नहीं होगा।’ IPL Auction: पहली बार बोली लगाएगा कप्तान, पोंटिग एशेज को ही देंगे सेवाएं, लेकिन अबुधाबी आएगा ऑस्ट्रेलियाई कोच