बेल्जियम को हराकर फ्रांस ने जैसे ही विश्व कप फाइनल में प्रवेश किया , पूरा पेरिस शहर मानों जश्न मनाने सड़क पर उतर आया और ‘ वीवे ला फ्रांस ’ के शोर से आसमान गूंज उठा।
रोशनी के शहर पर कल फुटबाल का खुमार सिर चढकर बोल रहा था जब रूस में फ्रांस और बेल्जियम के बीच फीफा विश्व कप सेमीफाइनल खेला जा रहा था । पेरिस के मशहूर स्मारक आर्क डे ट्रायोम्फे के पास रात में जनसैलाब उमड़ पड़ा जो 2006 के बाद पहली बार टीम के फाइनल में पहुंचने का जश्न मनाने आये थे। पेरिस के लोग चाहते थे कि हर कोई उनके साथ झूमे और जश्न में सराबोर हो जाये । घरों में टीवी के सामने नजरें गड़ाये बैठे दर्शक भी बालकनी में चले आये और सामूहिक जश्न की शुरूआत हो गई।
कुछ लोग सड़क पर लैम्प्स पर चढे हुए थे तो कुछ हाथ में राष्ट्रध्वज लेकर नाचते नजर आये । कैफे और स्पोटर्स बार में बीयर और वाइन के दौर चलते रहे जहां फुटबालप्रेमियों ने चेहरे पर फ्रांस के ध्वज के रंग पोते हुए थे। कुछ दर्शकों ने उपद्रव भी किया जिन्हें पुलिस ने खदेड़ा। पेरिस के ऐतिहासिक टाउन हाल के पास बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने जमा हुए करीब 20000 फुटबालप्रेमी जश्न में डूब गए।
सड़कों पर जनसैलाब इस कदर उमड़ा कि लोग पेड़ों, कार के ऊपर , डस्टबिन और बसों की छत पर चढ गए। लोग राष्ट्रध्वज को चूमते और एक दूसरे को गले लगकर बधाई देते नजर आये। फ्रांस में नवंबर 2015 के आतंकी हमलों के बाद से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे और टाउन हाल पर करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात थे। जश्न मना रहे सेबेस्टियन ने कहा ,‘‘ मैं 1998 में 18 बरस का था । आज मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत दिन है। हम रविवार को विश्व कप जीतेंगे।’’ बीस साल पहले विश्व कप जीतने पर फ्रांस में इसी तरह का जश्न देखा गया था जब रोशनी का शहर देश के ध्वज के तीन रंगों लाल , नीले और सफेद से नहा गया था। छात्र लिया तब पैदा भी नहीं हुआ था जब फ्रांस ने विश्व कप जीता था । उसने कहा ,‘‘ हम अब 1998 का अनुभव करने जा रहे हैं ।सब सपने जैसा है।’’