अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 203 रनों से हराकर भारतीय टीम ने फाइनल में जगह पक्की कर ली है। भारत की तरफ से बल्लेबाजी में शुभम गिल ने नाबाद शतक जड़कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का काम किया। वहीं गेंदबाजी में ईशान पोरेल ने अपने शुरू के तीन ओवरों में चार पाकिस्तानी बल्लेबाज को आउट कर भारत की पकड़ मैच में बेहद मजबूत कर दी। ईशान पोरेल के बाद टीम के बाकी गेंदबाजों ने अपना काम किया और भारतीय टीम पाकिस्तान को हराने में कामयाब रही। भारतीय टीम अब तक तीन बार अंडर-19 विश्व कप जीत चुकी है और अब चौथी बार ऐसा करने से महज एक मैच दूर है। इस मैच के हीरो रहे 18 साल के युवा तेज गेंदबाज ईशान पोरेल विजय हजारे ट्रॉफी में भी बंगाल की तरफ से खेल चुके हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली के रहने वाले ईशान का घर शुरू से ही खिलाड़ियों का रहा है, उनके खून में ही खेल बसता है। ईशान के दादा, पिता और चाचा सभी कबड्डी के खिलाड़ी हैं। ईशान के पिता चंद्रनाथ पोरेल ईस्टर्न रेलवे में नौकरी करते हैं, ये नौकरी भी उन्हें स्पोर्ट्स कोटे के तहत मिली थी।

भारत अब 3 फरवरी को ऑस्‍ट्रेलिया से भिड़ेगा।

ईशान से पहले उनके परिवार में किसी ने भी क्रिकेट खेलने में रूचि नहीं दिखाई, लेकिन ईशान दस साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रहे हैं। बचपन से ही ईशान को क्रिकेट खेलने के लिए घरवालों का सपोर्ट मिल रहा है। 10 साल की उम्र में स्विमिंग करने वाले ईशान एक बल्लेबाज बनना चाहते थे। कोलकाता के क्रिकेट एकेडमी में जब ईशान पहुंचे तो कोच ने उनकी हाइट देखकर गेंदबाज बनने की सलाह दी। इसके बाद छोटी उम्र से ही ईशान लोकल ट्रेन से 40 किलोमीटर का सफर करने लगे। वह रोजाना क्रिकेट एकेडमी में गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने जाया करते थे।

15 साल की उम्र में ईशान ने अंडर-19 बंगाल टीम के लिए खेलना शुरू कर दिया था। ईशान भारतीय तेज गेंदबाज मौहम्मद शमी और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज ब्रेट ली से खासा प्रभावित हैं और गेंदबाजी में उन्हें फॉलो करते हैं। आईपीएल की नीलामी में इस साल कई अंडर-19 विश्व कप में खेल रहे युवा खिलाड़ियों पर मोटी रकम लगाई गई है, लेकिन पोरेल को किसी टीम ने खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।