इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज ने पेरिस ओलंपिक के दौरान इजरायली खिलाड़ियों पर आतंकी हमले की आशंका जताई है। उनके मुताबिक, इजरायल के एथलीट्स ईरानी आतंकियों की साजिश का शिकार हो सकते हैं। कैट्ज ने यह जानकारी अपने फ्रांसीसी समकक्ष स्टीफन सेजॉर्न को लिखे पत्र में शेयर की। कैट्ज ने कहा कि इजरायली सरकार के पास संभावित हमले की खुफिया जानकारी है।
ईरानी आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। कैट्ज ने लिखा, ‘कुछ लोग इस खुशी के मौके की जश्न मनाने की प्रकृति को कमजोर करना चाहते हैं। हमारे पास वर्तमान में ईरानी आतंकी और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा पैदा संभावित खतरे के बारे में आकलन है। उनका उद्देश्य ओलंपिक के दौरान इजरायली प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और इजरायली पर्यटकों पर हमला करना है।’
पेरिस ओलंपिक 24 जुलाई को अर्जेंटीना और मोरक्को के बीच फुटबॉल मैच के साथ शुरू हुआ, लेकिन उद्घाटन समारोह शुक्रवार (26 जुलाई) को होगा। उल्लेखनीय है कि पेरिस ओलंपिक खेलों में 88 इजरायली एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। वे फ्रांसीसी सुरक्षा सेवाओं की चौबीसों घंटे सुरक्षा में हैं, इसके अलावा शिन बेट (इजरायली सुरक्षा एजेंसी) के अधिकारी भी उनकी सुरक्षा कर रहे हैं।
चार साल में एक बार होने वाले इस आयोजन से पहले, इजरायली एथलीट्स को ई-मेल और फोन के जरिये धमकी भरे संदेश मिले हैं। पहला संदेश 15 एथलीट्स के ई-मेल पर भेजा गया था और उस पर एक ऐसी संस्था के हस्ताक्षर थे जिसने खुद को ‘पीपुल्स डिफेंस ऑर्गनाइजेशन’ के रूप में पहचाना, जो कि अस्तित्व में नहीं है।
‘पीपुल्स डिफेंस ऑर्गनाइजेशन ने ऐलान किया है कि वह ओलंपिक में किसी भी इज़रायली को नुकसान पहुंचाएगा। संदेश में लिखा था, ‘फ्रांसीसी संसद को नियंत्रित करने वाली यहूदी लॉबी अब कुछ भी तय नहीं करेगी। संदेश में चेतावनी दी गई थी कि म्यूनिख 1972 की घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी, जब ब्लैक सितंबर ग्रुप से संबंधित आतंकियों ने ओलंपिक गांव में घुसकर इजरायल के एथलीट्स को बंधक बना लिया था। अंततः 11 और एक जर्मन पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी।
इसमें आगे कहा गया था, ‘इसलिए, आपको पेरिस 2024 में आमंत्रित नहीं किया गया है। यदि आप आते हैं तो ध्यान रखें कि हम म्यूनिख 1972 की घटनाओं को दोहराने का इरादा रखते हैं।’ इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायल के उद्घाटन समारोह के ध्वजवाहक पीटर पालचिक, तैराक मीरोन अमीर चेरुती और कई अन्य लोगों को धमकी मिली है कि वे पेरिस में अपने अंतिम संस्कार की तैयारी कर लें।