कप्तान हैरीकेन की अगुआई वाली इंग्लैंड की टीम ने यूरोपियन फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इंग्लैंड की टीम 1966 के बाद पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। अब उसका सामना इटली से लंदन के वेम्बली स्टेडियम में होगा। ऐसी ऐतिहासिक जीत के बाद इंग्लैंड में खुशी का माहौल है। प्रशंसक जमकर जश्न मना रहे हैं। इनमें इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का नाम भी शामिल है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपनी भावनाएं जाहिर कीं। हालांकि, इसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। लोगों ने कहा कि क्रिकेट हो या फुटबॉल हर बार तुम लोगों (इंग्लैंड की टीम) को अंपायर या रेफरी ही मैच जिताता है। माइकल वॉन ने ट्वीट कर कहा, ‘इस देश से बहुत ज्यादा प्यार।’ उनके इस ट्वीट पर @AppeFizzz ने कमेंट किया, ‘क्रिकेट है या फिर फुटबॉल, यह कोई मुद्दा नहीं है, तुम लोगों को जीत के लिए हमेशा रेफरी या अंपायर की जरूरत रहती है। संपूर्ण धोखेबाज।’
@SBM_4007 ने लिखा, ‘बाउंड्री की संख्या के आधार पर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत गए…। 55 साल बाद फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने के लिए झपप्टा मारा!! बहुत प्यार करता हूं, लेकिन तुमको नहीं।’ @confuse4ever ने लिखा, ‘हाहा…। हम सब जानते हैं कि इंग्लैंड ने कैसे क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता और अब यह देश यूरोपीय चैंपियनशिप (यूरो कप) में भी धांधली करने में कामयाब हो गया है….। यह बहुत ज्यादा उबाऊ है।’ @rohitrajoffici5 ने लिखा, ‘वह किसी भी तरह से पेनल्टी नहीं थी। स्टर्लिंग को ओलंपिक के लिए इंग्लैंड की गोताखोरी टीम में शामिल होना चाहिए और वह निश्चित रूप से उन्हें गोल्ड मेडल दिला देंगे। इसी तरह इंग्लैंड ने 2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप में बेईमानी की थी।’
दरअसल, सोशल मीडिया यूजर्स का सारा गुस्सा इंग्लैंड और डेनमार्क के बीच खेले गए यूरो कप के दूसरे सेमीफाइनल में एक्सट्रा टाइम में पेनल्टी देने को लेकर है। मैच में फुलटाइम तक दोनों टीमों की ओर से एक-एक गोल किया गया था। इसके बाद नतीजे के लिए मैच एक्स्ट्रा टाइम में गया। एक्स्ट्रा टाइम के चौथे मिनट में हैरीकेन को गोल करने का मौका मिला, लेकिन उनके शॉट पर श्माइकल ने बॉल को गोल पोस्ट से दूर फेंक दिया।
इसके बाद जब डेनमार्क के स्टर्लिंग पेनल्टी बॉक्स में ड्रिबल कर रहे होते हैं। उनके चारों ओर डिफेंडर रहते हैं और तभी स्टर्लिंग पेनल्टी बॉक्स में ही गिर जाते हैं। इसके बाद रेफरी तुरंत पेनल्टी का इशारा कर देते हैं। रेफरी के इस तरह पेनल्टी देने पर डेनमार्क की टीम ऐतराज जताती है। रेफरी के इस निर्णय को लेकर विवाद भी होता है। डेनमार्क की टीम VAR का सहारा लेती है और नतीजा उसके विरोध में जाता है। इसके बाद 104वें मिनट में हैरीकेन पेनल्टी को गोल में बदल देते हैं।
Bloody love this country
— Michael Vaughan (@MichaelVaughan) July 7, 2021
बता दें इस जीत के साथ ही इंग्लैंड 1966 के बाद पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में है। अब उसका सामना इटली की टीम से लंदन के वेम्बली स्टेडियम में होगा। मैच में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए इंग्लैंड ने 2-1 से जीत दर्ज की। इंग्लैंड की झोली में एकमात्र खिताब 1966 विश्व कप ही है।
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पिछले 55 साल में इंग्लैंड विश्व कप या यूरो चैंपियनशिप में चार सेमीफाइनल हार चुका है। यह जीत उसके सारे मलाल और कसक मिटाने वाली साबित हो सकती है। उनमें से तीन 1990, 1996, 2018 उसने पेनल्टी शूटआउट में गंवाए थे।
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दूसरी ओर टूर्नामेंट के पहले ही मैच में क्रिस्टियन एरिक्सन के मैदान पर गिरने के बाद से डेनमार्क के खिलाड़ियों ने उसके लिए खिताब जीतने का लक्ष्य रखा था। मैच दर मैच उनके प्रदर्शन में निखार आता गया। इस मैच में भी 30वें मिनट में मिक्केल डैम्सगार्ड ने गोल करके उसे बढ़त दिला दी थी।
साइमन जाएर ने नौ मिनट बाद आत्मघाती गोल करके इंग्लैंड को बराबरी का मौका दे दिया। इसके बाद अतिरिक्त समय के दूसरे हॉफ में डेनमार्क को दस खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा, जब यानसेन चोट के कारण बाहर हो गए। उस समय तक डेनमार्क सभी सब्स्टीट्यूट इस्तेमाल कर चुका था।