कोरोना विषाणु महामारी ने दुनिया की लगभग आधी आबादी को घर में कैद होने पर मजबूर कर दिया है। कारोबार पूरी तरह ठप है। खेल गतिविधियां बंद हैं। कई टूर्नामेंटों को रद्द किया जा चुका है। कई की तारीखें आगे बढ़ा दी गई हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान फुटबॉल जगत को हुआ है। लोकप्रियता के मामले में शीर्ष पर काबिज इस खेल के खिलाड़ियों, टीमों और प्रायोजकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
इटली, ब्रिटेन सहित कई यूरोपिय देश पूरी तरह से इस महामारी के चपेट में हैं। ऐसे में इंग्लिश प्रीमियर लीग और सीरी ए जैसी शीर्ष लीग बंद है। यूरोपियन फुटबॉल संघ अकेले लगभग 2800 मिलियन यूरो का रेवेन्यू वाले लीगों का नेतृत्व करता है। वहीं फीफा के रेवेन्यू की बात करें तो यह 4.64 बिलियन डॉलर के करीब है। दूसरी तरफ अमेरिका में भी फुटबॉल से जुड़ी सभी गतिविधियां ठप हैं।
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोपियन देशों में होने वाले लीगों की कमाई की बात करें तो स्पेन को करीब 3790 मिलियन यूरो, इटली को 2570 मिलियन यूरो, जर्मनी 3720 मिलियन यूरो और फ्रांस को 1930 मिलियन यूरो है। इंग्लैंड इसमें सबसे आगे है जिसे इंग्लिश प्रीमियर लीग के सहारे करीब 5940 मिलियन की कमाई होती है। यहां होने वाली लीगों के मुनाफे में सबसे बड़ा हिस्सा मीडिया के अधिकार बेचने का ह फुटबॉल चैंपियनशिप को 2021 तक के लिए टाल दिया है। ऐसे में उन्हें लगभग 300 मिलियन यूरो का नुकासान उठाना पड़ेगा। हालांकि यह आंकड़ा सिर्फ स्थगन तक सीमित है। अगर किसी कारण से 2019/20 सत्र के इस चैंपियनशिप को रद्द कर दिया जाता है तो नुकसान का आंकड़ा लगभग 100 मिलियन यूरो बढ़ जाएगा।
यूरोपियन फुटबॉल संघ को सबसे ताकतवर और कमाई वाला संघ माना जाता है। ऐसे में अगर 2019/20 सत्र के ज्यादातर मैच रद्द होते हैं तो इसका खामियाजा मीडिया प्रसारकों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। एक रपट के मुताबिक अगर इंग्लिश प्रीमियर लीग को रद्द कर दिया जाता है तो करीब मीडिया प्रसारकों को लगभग 800 मिलियन यूरो का नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं इटली की शीर्ष फुटबॉल लीग सीरी ए के रद्द या स्थगन पर भी मीडिया प्रसारकों को नुकसान होगा। इस टूर्नामेंट के मुख्य प्रसारकों में शामिल स्काई को लगभग 252 मिलियन यूरो और डेंज को 64.3 मिलियन यूरो का नुकसान होगा।

