सीसीआइ ने अपने खिलाड़ियों के लिए नई अनुबंध सूची जारी की। इसमें महेंद्र सिंह धोनी का नाम नहीं देख सभी को हैरानी हुई। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि धोनी का करिअर समाप्त हो गया है। टीम चयन को लेकर चयनकर्ता भी उनमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इस बीच पूर्व भारतीय कप्तान ने झारखंड रणजी टीम के साथ अभ्यास शुरू कर दिया। ऐसे में प्रशंसकों के सामने दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है। उन्हें इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि क्या सच में धोनी का करिअर समाप्त हो गया है।
मीडिया में आई खबरों और अनुबंध समाप्त होने के बाद चले घटनाक्रम से यह मान लिया गया कि धोनी अब मैदान पर नहीं उतरेंगे। हालांकि एक दिन बाद ही खबर आई कि उन्होंने आइपीएल की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वे झारखंड की रणजी टीम के साथ बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही प्रशंसकों का दबाव कहें या धोनी का और बीसीसीआइ को यह मानना पड़ा कि उनकी वापसी का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है। वे 2020 टी-20 विश्व कप तक टीम में वापसी कर सकते हैं। दूसरी तरफ यह भी कहा जाने लगा कि धोनी का अनुबंध समाप्त होने के पीछे बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली का हाथ है।
हालांकि इसमें कितनी सचाई है यह तो बाद की बात है लेकिन जो हुआ उसमें बीसीसीआइ का तर्क संतोषजनक है। इसके एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें पहले से इस बारे में बता दिया गया था। उन्होंने काफी समय से राष्ट्रीय टीम के लिए कोई मैच नहीं खेला है और हमें नियमों के मुताबिक ही चलना होता है।
अब सवाल है कि क्या अनुबंध समाप्त होने का धोनी के संन्यास से संबंध है। इसका ठीक-ठीक जवाब तो सिर्फ वही दे सकते हैं लेकिन यह मान लेना कि वे संन्यास ले रहे हैं, शायद गलत है। आइपीएल में भी उनका खेलना जारी रहेगा। हां ये सही है कि वो बीसीसीआइ के रनिंग खिलाड़ियों में नहीं हैं। यह भी हो सकता है कि वे एकदिवसीय को अलविदा कहने की सोच रहे हों। लेकिन इसकी पूरी संभावना है कि वे दोबारा वापसी करेंगे।
मनीष कुमार जोशी

