साइना नेहवाल समेत डेनमार्क ओपन टूर्नामेंट खेलने गए सभी भारतीय शटलरों के साथ सौतेला व्यवहार होने की खबरें आईं हैं। उन्हें ना तो समय पर ट्रांसपोर्ट मुहैया कराया जा रहा है, ना ही कोई यह बताने को तैयार है कि यह समस्या कब तक बनी रहेगी। इस संबंध में ओलंपिक पदक विजेता भारतीय शटलर साइना नेहवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की।
इसमें वे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ दिख रही हैं। उनके पति पारुपल्ली कश्यप सेल्फी ले रहे हैं। इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘कोई ट्रांसपोर्ट नहीं, कोई कॉन्टेक्ट नहीं। शाम 5 बजे से ट्रेनिंग सेशन है, जबकि शाम के 5 बजे यहीं बज गए हैं। हम यहां पिछले 40 मिनट से बस का इंतजार कर रहे हैं। वे कॉल करने के लिए कम से कम कॉन्टेक्ट नंबर तो दे ही सकते हैं।’
75,000 अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि वाला यह बैडमिंटन टूर्नामेंट डेनमार्क के तीसरे सबसे बड़े शहर ओडेंसे (ODENSE) स्थित ओडेंसे स्पोर्ट्सपार्क (ODENSE SPORTSPARK) में 15 से 20 अक्टूबर तक खेला जाना है। डेनमार्क ओपन को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन सुपर 750 टूर्नामेंट का दर्जा हासिल है। साइना नेहवाल इसके 2012 सीजन की चैंपियन रह चुकी हैं। पिछले साल भी उन्होंने फाइनल खेला था। तब उन्हें ताई जू यिंग से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
बता दें कि इस टू्र्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए साइना नेहवाल को पहले भी बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने के 5 दिन पहले तक वीजा जारी नहीं किया था। इसके बाद भारतीय शटलर ने ट्वीट कर विदेश मंत्रालय वीजा दिलाने के लिए मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने अपने ट्वीट को विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी टैग किया था। अब ऐसी खबरें आना जाहिर तौर पर भारतीय शटलरों का मनोबल तोड़ने वाली हैं।
हालांकि, साइना की पोस्ट के बाद उनके बहुत से फैंस ने हौसला बनाए रखने को कहा है। कुछ फैंस ने फिर से चैंपियन बनने की इच्छा भी जाहिर की है। उनकी पोस्ट के बाद डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी किम अस्त्रुप ने लिखा, ‘मैं कल एक बड़ी कार लेकर आऊंगा। तब मैं अपना ट्रांसपोर्ट शेड्यूल पब्लिश करूंगा।’ राजा देशपांडे ने लिखा, ‘यह बहुत ही दुखद है। सुपर 750 टूर्नामेंट में खेलना आसान नहीं है। भारत में हजारों प्रोफेशनल एथलीट हैं, जिन्हें नेशनल खेलने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। कम से कम सरकार, टूर्नामेंट आयोजकों को धन और समय बचाना चाहिए। यह निराश करने वाला है।’