कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से पहले ही भारत को बड़ा नुकसान हो गया है। ग्लासगो में होने वाले अगले कॉमनवेल्थ गेम्स से छह खेलों को हटा दिया गया है। इन खेलों में बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, स्क्वाश, टेबल टेनिस और रेसलिंग शामिल है। इसके अलावा कुछ और प्रमुख खेलों को भी हटाया गया है जहां भारत को मेडल की उम्मीदें होती हैं।

भारत के लिए क्यों बढ़ी मुश्किल

पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए थे। भारत ने यहां 12 खेलों में मेडल हासिल किए थे। अब अगले कॉमनवेल्थ गेम्स में इन 12 में से छह खेल शामिल हीं होंगे। आर्चरी और निशानेबाजी को बर्मिंघम गेम्स में शामिल नहीं किया गया था। यह खेल ग्लासगो में भी नहीं होंगे।

ऑस्ट्रेलिया मेजबानी से पीछे हटा

इतने खेलों को हटाने की पीछे की वजह आर्थिक है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 की मेजबानी सिडनी में होने वाले थे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया आर्थिक तंगी को कारण बताकर हाथ पीछे खींच लिया। आखिरी समय में ग्लासगो आगे आया। हालांकि उन्होंने भी आर्थिक कारणों के कारण कम खेलों को शामिल करने का प्लान तैयार किया जिसके लिए कॉमनवेल्थ फेडरेशन मान दिया।

कॉमनवेल्थ गेम्स में यह खेल हैं शामिल

कॉमनवेल्थ गेम्स ने बयान में कहा, ‘ग्लासगो सीडब्ल्यूजी आयोजकों ने कहा कि खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा-एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, बाउल्स और पैरा-बाउल्स, तैराकी और पैरा-स्विमिंग, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा-ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा- शामिल होंगे। पावरलिफ्टिंग, जूडो, और 3×3 बास्केटबॉल और 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल को भी जगह मिलेगी।’

हॉकी, कुश्ती, बैडमिंटन, शूटिंग वह खेल हैं जिसमें भारत ने सबसे ज्यादा मेडल हासिल किए हैं। शूटिंग में भारत ने अब तक 135 मेडल अपने नाम किए हैं। शूटिंग बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं था और वह इन गेम्स में शामिल नहीं हैं। बैडमिंटन में भारत ने 31 मेडल जीते हैं। कुश्ती में भारत ने कुल मिलाकर 114 मेडल जीते हैं। हॉकी में पुरुष टीम ने पांच मेडल जीते हैं वहीं महिला हॉकी टीम कॉमनवेल्थ में 3 मेडल जीत चुकी हैं।

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के नाम कुल 61 मेडल थे। भारत ने कुश्ती में 12, वेटलिफ्टिंग में 10, एथलेटिक्स 8, मुक्केबाजी और टेबल टेनिस में सात-सात मेडल जीते थे। वहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सिल्वर मेडल जीता था।