Commonwealth Games: इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में कुछ नया होगा। बर्मिंघम में गुरुवार 28 जुलाई 2022 से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेल पहले ऐसे खेल होंगे, जहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक स्वर्ण पदक मिलेंगे। इस बार 11 दिन तक चलने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं को 136 स्वर्ण पदक, जबकि पुरुषों को 134 स्वर्ण पदक मिलेंगे। मिश्रित स्पर्धाओं में कुल 10 स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे। इस तरह के मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट में ऐसा पहली बार होगा, जब महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने का मौका मिलेगा। राष्ट्रमंडल खेल 1930 (1942 और 1946 को छोड़कर) से हो रहे हैं।

उधर, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी (शूटिंग इवेंट) के नहीं होने से भारत के लिए शीर्ष 5 में जगह बनाना मुश्किल होगा। हालांकि, बर्मिंघम 2022 के आयोजक चुनौतीपूर्ण तैयारियों के बाद सफल खेल टूर्नामेंट आयोजित करने की कोशिश करेंगे। गुरुवार शाम एलेक्जेंडर स्टेडियम में होने वाले उद्घाटन समारोह से इन खेलों की शुरुआत होगी।

भारत ‘खेल महाशक्ति’ बनने से अभी काफी दूर है, लेकिन राष्ट्रमंडल खेल देश के खिलाड़ियों के लिए पदक बटोरने का अच्छा टूर्नामेंट बना रहा है। वर्ष 2002 चरण के बाद से भारत शीर्ष 5 में शामिल रहा है। इसमें देश की सबसे ज्यादा निभर्रता निशानेबाजी (Shooting) स्पर्धा में रही है।

विवादास्पद तरीके से राष्ट्रमंडल खेलों से हटाई गई निशानेबाजी

इसे विवादास्पद तरीके से बर्मिंघम (Birmingham) खेलों की स्पर्धाओं से हटा दिया गया। चार साल पहले गोल्ड कोस्ट खेलों में भारत ने कुल 66 पदक जीते थे। उसमें 25 प्रतिशत योगदान निशानेबाजों का रहा था। तब उन्होंने 7 स्वर्ण पदक जीते थे।

बड़ा सवाल यही है कि निशानेबाजी स्पर्धा के नहीं होने से भारत इसकी भरपाई किस तरह कर पाएगा? भारोत्तोलन, बैडमिंटन, कुश्ती और टेबल टेनिस से काफी पदकों की उम्मीद है, लेकिन ये शायद निशानेबाजी स्पर्धा की गैरमौजूदगी से पदकों की संख्या में कमी की भरपाई नहीं कर पाएंगे।

एथलेटिक्स (Athletics) में भारत ने स्पर्धा के 72 साल के इतिहास में केवल 28 पदक जीते हैं। इस बार इस स्पर्धा में देश के छुपेरूस्तम होने की उम्मीद है, लेकिन ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के चोट के कारण अंतिम समय पर हटने से करारा झटका लगा है।

विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रहीं लंबी कूद की एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज भी इससे इत्तेफाक रखती हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज को महिला भाला फेंक और लंबी कूद जैसी स्पर्धाओं में पदक की उम्मीद है।

कुश्ती में सभी प्रतिभागियों से पदक की उम्मीदें

कुश्ती में सभी 12 प्रतिभागियों से पदक की उम्मीदें हैं। इसमें गत चैंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया से स्वर्ण की उम्मीदें हैं। गोल्ड कोस्ट में पहलवानों ने 5 स्वर्ण सहित 12 पदक जीते थे। भारोत्तोलन में भी 4 साल पहले 5 स्वर्ण सहित नौ पदक आए थे। वे भी इसी प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे।

इस दल की अगुआई ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू करेंगी। सुपरस्टार पीवी सिंधु की अगुआई में बैडमिंटन खिलाड़ियों से महिला एकल, पुरुष एकल, पुरुष युगल और मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक की उम्मीदें हैं।

महिला और पुरुष हॉकी में भारत के प्रदर्शन पर रहेंगी निगाहें

भारत के दृष्टिकोण से हॉकी सबसे महत्वपूर्ण खेल होगा। पुरुष और महिला खिलाड़ी पिछले गोल्ड कोस्ट चरण की निराशा की भरपाई करने की कोशिश में होंगे। तब वे खाली हाथ घर लौटे थे। पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरुष टीम ऑस्ट्रेलियाई दबदबे को खत्म करने की कोशिश करेगी। महिला टीम भी शीर्ष तीन में रहने के लिए पुरजोर प्रयास करेगी।

टेबल टेनिस में भारत गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में 8 पदक जीते थे। उसमें से चार पदक अकेले मनिका बत्रा के ही थे। हालांकि, उस प्रदर्शन की बराबरी करना मुश्किल होगा, लेकिन फिर भी कम से कम दो स्वर्ण पदक की उम्मीद बनी हुई है।

विश्व चैंपियन निकहत जरीन से भी होगी कमाल करने की उम्मीद

मुक्केबाजों को पिछले चरण में नौ पदक मिले थे। वे इस बार भी पदक तालिका में बड़ा योगदान करेंगे। अमित पांघल टोक्यो ओलंपिक के निराशाजनक अभियान को भुलाकर बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिये बेताब होंगे। वहीं ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन विश्व चैंपियनशिप की निराशा के बाद वापसी करना चाहेंगी।

मौजूदा विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें होंगी। गैर ओलंपिक खेलों में स्क्वाश खेल एकल वर्ग में अपने पहले पदक की तलाश में होगा। इस खेल से मिश्रित युगल ओर महिला युगल में दो स्वर्ण पदकों की संभावनाएं हैं।

महिला क्रिकेट भी होगा राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण

इस बार राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण महिला क्रिकेट भी होगा। महिला क्रिकेट को पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है। क्रिकेट में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भारत भी दावेदारों में शामिल है।

भारतीय टीम पिछले टी20 विश्व कप में उपविजेता रही थी। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, ‘हमारे लिए यह टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण है। हम पदक को लक्ष्य बनाकर मैदान पर उतरेंगे। हम इन खेलों को देखते हुए बड़े हुए हैं। इस बार हमें भी इसका हिस्सा बनने का मौका मिला है।’