Birmingham 2022 Commonwealth Games: बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, साक्षी मलिक, अंशु मलिक, दिव्या काकरन और मोहित ग्रेवाल ने 5 अगस्त 2022 की रात भारत के लिए यादगार बना दी। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में इस दिन भारत के ये 6 पहलावन मैट पर उतरे और सभी ने पदक हासिल किए। अंशु मलिक ने जहां 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में भारत को पहला पदक दिलाया। वहीं, दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने इस खेल में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता, जबकि अंशु मलिक ने महिलाओं के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया। बजरंग पूनिया और अंशु मलिक दोनों के लिए ये खेल व्यक्तिगत तौर पर भी यादगार बन गए।

बजरंग पूनिया ने स्वर्ण पदक जीतकर जहां राष्ट्रमंडल खेलों में अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की। बजरंग इससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी पदकों की हैट्रिक लगा चुके हैं। वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार हिस्सा लेने उतरीं अंशु मलिक ने अपने जन्मदिन के मौके पर पदक हासिल किया।

हरियाणा के जींद में 5 अगस्त 2001 को जन्मीं अंशु मलिक (Anshu Malik) ने पिछले साल एशियन चैंपियनशिप में भी इसी भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। अंशु मलिक ने वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि 2016 और 2018 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रही थीं।

रेसलर्स फैमिली से आती हैं अंशु मलिक

अंशु मलिक रेसलर्स फैमिली से आती हैं। उनके पिता धर्मवीर मलिक भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन चोट के कारण उनका करियर लंबा नहीं चला। अंशु के चाचा पवन कुमार हरियाणा केसरी रह चुके हैं। कुश्ती की शुरुआती शिक्षा अंशु ने अपने पिता से ही ली है।

शुरुआत में धर्मवीर मलिक ने अंशु की जगह उसके छोटे भाई को सिखाने पर ज्यादा ध्यान दिया, लेकिन जब अंशु ट्रेनिंग शुरू करने के महज 6 महीने के भीतर ही 3-4 से प्रशिक्षण हासिल कर रहीं लड़कियों को आसानी से मात देने लगीं, तब उन्होंने बेटी का दाखिला निदानी स्पोर्ट्स स्कूल में कराया।

बजरंग पूनिया ने लगातार तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में जीता पदक

बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में सोना जीतकर अपने स्वर्ण पदक का बचाव किया। बजरंग ने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 65 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। इससे पहले 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में वह कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे। बजरंग 2013, 2018 और 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी क्रमशः कांस्य, रजत और कांस्य पदक जीत चुके हैं।

बजरंग पूनिया ने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में 61 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया था। उन्होंने अगले संस्करण यानी 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में अपने पदक का रंग सफेद से पीला कर दिया। बजरंग टोक्यो ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक के दावेदार थे, लेकिन इंजरी के कारण वह ब्रॉन्ज मेडल ही जीत पाए थे।