इंग्लैंड के खिलाफ बेंगलुरू में खेले गए तीन मैचों की सीरीज के अंतिम मुकाबले में भारत के सिक्सर किंग युवराज सिंह का बल्ला एक बार फिर गरजा। हालांकि, ये गर्जना बहुत देर तक बरकरार नहीं रही, लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस जॉर्डन सहित अन्य खिलाड़ियों के चेहरे पर शिकन जरूर आ गई थी। भारत के इस धाकड़ बल्लेबाजसे अंग्रेजों का खेमा सबसे ज्यादा घबराता है। इसकी वजह है स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में लगाए गए छह छक्के। इन छक्कों को कोई क्रिकेटप्रेमी नहीं भूला होगा। यह मामला 2007 विश्व कप का है, जब भारत ने युवी के छह छक्कों की मदद से इंग्लैंड के खिलाफ 218 रनों का पहाड़ खड़ा किया था। युवराज सिंह ने क्रिस जॉर्डन के ओवर में अंग्रेजों को उन डरावने पलों की याद दिला दी।
बुधवार को हुए मैच में एक बार फिर से अंग्रेजों की सांसें तेज हो गईं। यह इंग्लैंड का 18वां ओवर था। इस ओवर की पहली गेंद पर महेंद्र सिह धोनी ने एक रन लेकर स्ट्राइक युवराज को दे दी। इस दौरान धोनी ने अपने अंतराराष्ट्रीय टी20 करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया। क्रिस जॉर्डन के इस ओवर की दूसरी गेंद पर युवराज ने आगे निकल कर छक्का जड़ दिया। तीसरी गेंद का भी वही हाल हुआ। इस ओवर की चौथी गेंद को युवराज ने चार रन के लिए आॅफ स्टंप से बाहर भेज दिया। जॉर्डन के इस ओवर की पांचवीं गेंद लेग स्टंप पर हॉफ वॉली थी और युवराज ने इसे भी स्टैंड में पहुंचा दिया। इस ओवर की आखिरी गेंद जॉर्डन ने यॉर्कर डाली और इस पर युवराज ने एक रन लिया।
इस तरह क्रिस जॉर्डन के इस ओवर में 24 रन बने। युवराज ने अपनी इस पारी के दौरान 10 गेंदों में 3 छक्के और 1 चौके की मदद से 27 रन बनाए। इस प्रकार भारत ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 20 ओवर में 203 रनों का लक्ष्य रखा। भारत के इतने बड़े स्कोर में सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी के बीन तीसरे विकेट के लिए हुई 55 रन की साझेदारी का अहम योगदान रहा। महेंद्र सिंह धोनी ने 36 गेंदों में 5 चौकों और दो छक्कों की मदद से 56 रनों की पारी खेली। सुरेश रैना भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे। उन्होंने 45 गेंदों में 2 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 63 रन बनाए।

