क्रिकेटर मयंक अग्रवाल लंबे समय बाद सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने खेल से संबंधित एक प्रोग्राम में अपने करियर से जुड़ीं तमाम बातें शेयर कीं। उन्होंने खुलासा किया कि सेलेक्शन के दौरान वह बेहद परेशान थे। मन में तमाम तरह के सवाल उमड़ रहे थे, लेकिन तब एक सीनियर प्लेयर ने उनका हौसला बढ़ाया, जिससे उनकी निगेटिविटी दूर हुई थी। बता दें कि मुश्किल हालात में मयंक को महेंद्र सिंह धोनी या विराट कोहली ने नहीं, बल्कि राहुल द्रविड़ ने समझाया था। यह बात खुद मयंक ने बयां की है।
लंबे समय के इंतजार के बाद भारतीय टीम में जगह बनाने वाले मयंक अग्रवाल ने कहा कि महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ की प्रेरणादायी बातों ने नकारात्मक विचारों को जेहन में भटकने नहीं दिया। मयंक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2018-19 की सीरीज में मेलबर्न पर टेस्ट मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था।
उन्होंने ESPNCricInfo के वीडियोकास्ट के दौरान संजय मांजरेकर से कहा, ‘मैं रन बना रहा था, लेकिन टीम इंडिया में जगह नहीं बना पा रहा था। रणजी सेशन और भारत ए के लिए भी काफी रन बनाये थे। मैंने राहुल भाई से बात की। मैंने बताया कि टीम में नहीं चुने जाने से निराश हो रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छे से याद है कि उन्होंने कहा था मयंक ये चीजें तुम्हारे हाथ में नहीं है। तुमने मेहनत की और यहां तक पहुंचे। चयन तुम्हारे हाथ में नहीं है। मैं पूरी तरह से उनसे सहमत हूं। ये बातें सैद्धांतिक रूप से समझ में तो आती हैं लेकिन व्यवहारिक तौर पर इन्हें समझना मुश्किल होता है।’
मयंक ने कहा, ‘उन्होंने कहा था कि आने वाला समय पिछले से अलग नहीं होगा। अगर नकारात्मक सोच के साथ खेलोगे तो नुकसान तुम्हारा ही होगा। मुझे अभी उनकी बात याद है जो मेरे लिए प्रेरणा बनी।’ उन्होंने बताया, ‘जब मैं टीम में चुना गया तो इतना खुश था। मैने उन्हें फोन करके धन्यवाद दिया।’ मुश्किल हालात में सीनियर और अनुभवी प्लेयर होने के नाते राहुल ने मयंक को समझाया और मार्गदर्शन किया था।
