world cup 2019: जीत की लय के बावजूद मध्यक्रम अब भी भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है और विराट कोहली की टीम शनिवार को श्रीलंका के खिलाफ होने वाले विश्व कप के अंतिम ग्रुप मैच में उम्मीद करेगी कि महेंद्र सिंह धोनी सेमीफाइनल से पहले फार्म हासिल कर लें। पहले ही अंतिम चार में दूसरा स्थान पक्का कर चुकी भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ जीत से अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच सकती है बशर्ते ऑस्ट्रेलिया पहले ही बाहर हो चुकी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम मैच में हार जाए। इसलिये शीर्ष स्थान और न्यूजीलैंड के खिलाफ संभावित सेमीफाइनल के लिए काफी मशक्कत होगी क्योंकि खतरनाक इंग्लैंड का सामना करना मुश्किल होगा।
भारत के लिये मध्यक्रम की पहेली अब भी अनसुलझी है और ऐसा दिखता है कि भारतीय टीम प्रबंधन अपनी योजना ‘ए’ पर ज्यादा निर्भर है जो उनके शीर्ष क्रम की सफलता है। उप कप्तान रोहित शर्मा 544 रन के साथ उनके सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं। उन्होंने इस दौरान रिकार्ड बराबरी वाले चार शतक भी जड़े। कप्तान कोहली के लिये भी यह विश्व कप अच्छा रहा है, हालांकि उनके स्तर के हिसाब से इतना बेहतरीन नहीं रहा और उनके नाम पांच अर्धशतक से 400 से ज्यादा रन हैं। धोनी के लिए अंतिम ओवरों में बल्ले से बेहतर प्रदर्शन को देखने के लिए श्रीलंका से बेहतर प्रतिद्वंद्वी नहीं हो सकता जब लसिथ मलिंगा अपनी धीमी गेंदों में वैरिएशन से आक्रामक गेंदबाजी करेंगे।
श्रीलंकाई आफ स्पिनर धनजंय डि सिल्वा काफी किफायती रहे हैं। अगर धोनी को बीच के ओवरों में डि सिल्वा की ज्यादा गेंद खेलनी पड़ती हैं और वह इन पर रन जुटा लेते हैं तो इससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी ही होगी। अभी तक मैचों में धोनी स्पिनरों के खिलाफ 81 गेंद में केवल 47 रन ही बना पाये हैं जिससे बीच के ओवरों में धीमे गेंदबाजों के खिलाफ कमजोरी दिख रही है। इसे देखते हुए दिमुथ करूणारत्ने अपने बायें हाथ के स्पिनर मिलिंडा सिरीवर्धने को इस्तेमाल करना चाहेंगे। कप्तान कोहली चाहेंगे कि उनका ‘मार्गदर्शक’ सफल रहे क्योंकि धोनी की भूमिका टीम के रविवार को होने वाले फाइनल तक पहुंचने के लिये काफी अहम होगी।