आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में रविवार रात इंग्लैंड ने भारत को 31 रन से हरा दिया। इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। उसने 50 ओवर में 7 विकेट पर 337 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया 50 ओवर में 5 विकेट पर 306 रन ही बना पाई। भारत का पांचवां विकेट 45वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हार्दिक पंड्या के रूप में गिरा। पंड्या ने 33 गेंद पर 45 रन बनाए। उनकी जगह केदार जाधव क्रीज पर आए। महेंद्र सिंह धोनी पहले से ही क्रीज पर मौजूद थे। उस समय टीम का स्कोर 267 रन था।

टीम इंडिया को जीत के लिए 31 गेंद पर 71 रन बनाने थे। यह लक्ष्य कठिन जरूर था, लेकिन असंभव नहीं। वह भी तब जब पांच विकेट गिरने बाकी हैं। हालांकि, धोनी और जाधव 31 गेंद पर 39 रन ही बना पाए, जो स्लॉग ओवरों में बहुत ही कम स्कोर है। जाधव और धोनी के बल्लेबाजी के दौरान कभी भी ऐसा नहीं दिखा कि वे टीम को जीत दिलाने के लिए अतिरिक्त कोशिश कर रहे हों। पड्या का विकेट गिरने के बाद धोनी और जाधव अगली 25 गेंदों पर 27 रन ही बना पाए। इसमें एक वाइड का रन भी शामिल है। इस दौरान दोनों ने सिर्फ 2 चौके लगाए और 18 सिंगल रन दौड़ कर लिए। पांच गेंदों पर कोई रन नहीं बना। दोनों ने आखिरी ओवर के लिए 44 रन लक्ष्य रखा, जो असंभव था। आखिरी ओवर में भी दो गेंदों पर कोई रन नहीं बना।

धोनी और जाधव की ऐसी एप्रोच पर दोनों ही टीमों के कई पूर्व कप्तानों ने सवाल उठाए। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, ‘पांच विकेट हाथ में होने के बावजूद आप 338 रन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए। मेरा पास इसकी सफाई देने के लिए कुछ नहीं है। आप मुझसे सवाल पूछेंगे, लेकिन मैं इन सिंगल्स का कोई जवाब नहीं दे सकता। यह मानसिकता और मैच जीतने की आपके इरादे के बारे में है। संदेश बिल्कुल स्पष्ट था, कोई फर्क नहीं पड़ता कि रन कैसे बन रहे हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शॉट कहां गिर रहा है। मैच जब ऐसे मोड़ पर हो तब गेंदें खाली छोड़ना आश्चर्यजनक है।’

 

आखिरी के 5 ओवर के दौरान कमेंट्री करते हुए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा, ‘मैं बिल्कुल असमंजस में हूं। यह क्या चल रहा है। यह वह नहीं है, जिसकी भारत को जरूरत है। उन्हें रन की जरूरत है। वे क्या कर रहे हैं। भारतीय टीम के कुछ प्रशंसक स्टेडियम से बाहर निकल रहे हैं। निश्चित तौर पर वे धोनी के शाट्स देखने के लिए आए थे। यह वर्ल्ड कप का मुकाबला है। शीर्ष की दो टीमें मैदान पर आमने-सामने हैं। भारतीय प्रशंसक अपनी टीम को लड़कर हारते हुए देखना चाहते हैं। जीतने के लिए जोखिम उठाओ।’