भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में रोमांच का आनंद उठाने वाले क्रिकेट प्रशंसकों को आॅस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच आॅकलैंड के ईडेन पार्क क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए पहले वनडे मुकाबले में एक बार फिर बेहतरीन मैच को मिला। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कीवी टीम ने ओपनर मार्टिन गप्टिल (61) और नील ब्रूम (73) की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत कंगारूओं के सामने जीत के लिए 287 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी आॅस्ट्रेलियाई टीम की शुरूआत कुछ खास नहीं रही और उसने मात्र 54 रन पर अपने पांच विकेट गवां दिए। इसके बाद क्रीज पर मौजूद सैम हिजलेट का साथ देने के लिए आए आॅलराउंडर मार्कस स्टोनिस। यह स्टोनिस का मात्र दूसरा एकदिवसीय मुकाबला था और उन्होंने जो गजब का प्रदर्शन किया उसे क्रिकेट जगत में हमेशा याद रखा जाएगा।
मार्कस स्टोनिस ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 117 गेंदों में 11 छक्कों और 9 चौकों की मदद से नाबाद 146 रन की पारी खेली और मैच में आॅस्ट्रेलिया को लगभग जीत के दहलीज पर पहुंचा दिया था। लेकिन, अन्य किसी बल्लेबाज ने स्टोनिस का साथ नहीं दिया और आॅस्ट्रेलिया को इस रोमांचक मैच में 6 रनों से हार का सामना करना पड़ा। मार्कस स्टोनिस ऐसे पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बने जिसने वन-डे में 3 या ज्यादा विकेट लिए और 100 रन बनाए। उन्होंने नाबाद 146 रन बनाने के साथ 3 विकेट भी लिए। स्टोनिस के लिए यह मैच निजी तौर पर तो यह प्रदर्शन यादगार बन गया, लेकिन उन्हें इस बात का मलाल जरूर होगा कि वे टीम को जीत नहीं दिला पाए। ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि उन्हें दूसरे छोर से उचित सहयोग नहीं मिल पाया।
स्टोनिस ने सातवें क्रम पर बल्लेबाजी कर 146 रन बनाए, जो वन-डे में इस क्रम पर सर्वाधिक रनों का ऑस्ट्रेलियाई रिकॉर्ड है। वैसे वन-डे में इस क्रम पर यह न्यूजीलैंड के ल्युक रोंची के बाद दूसरा बड़ा स्कोर है। रोंची ने श्रीलंका के खिलाफ 23 जनवरी 2015 को नाबाद 170 रन बनाए थे। इस क्रम में स्टोनिस ने भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ दिया। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे बड़े स्कोर के मामले में अब एमएस धोनी तीसरे नंबर पर आ गए हैं। इस क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने नाबाद 139 रन की पारी खेली है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए आखिरी 24 बॉल (चार ओवर) पर 19 रन बनाने थे और क्रीज पर स्टोनिस और हेडलवुड बैटिंग कर रहे थे।
टिम साउदी आॅस्ट्रलियाई पारी का 47वां ओवर कर रहे थे। इस ओवर की शुरुआती तीन बॉल पर तो कोई रन नहीं बना, लेकिन अगली दो बॉल पर स्टोनिस ने लगातार दो सिक्स लगाकर न्यूजीलैंड की हालत खराब कर दी। अब जीत के लिए 13 बॉल पर केवल 6 रन बनाने थे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की जीत तय लग रही थी। लेकिन रिजल्ट तो कुछ और ही निकलना था। 47वें ओवर की आखिरी बॉल पर स्टोनिस एक रन लेने के लिए दौड़े, इस एक रन के जरिए वे अपने पास स्ट्राइक रखना चाहते थे। लेकिन स्टोनिस का यही एक रन के लिए दौड़ना ऑस्ट्रेलिया पर बेहद भारी पड़ गया। इस दौरान स्टोनिस तो अपनी क्रीज में सुरक्षित पहुंचने में सफल रहे, लेकिन नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े हेजलवुड रन पूरा नहीं कर सके और रन आउट हो गए।
ऑस्ट्रेलिया की ये आखिरी जोड़ी थी। हेजलवुड इस मैच में बिना खाता खोले आउट हुए। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की ओर से आखिरी विकेट के लिए स्टोनिस और हेजलवुड के बीच 24 बॉल पर 54 रन की पार्टनरशिप हुई। हैरानी की बात ये है कि इस दौरान हेजलवुड ने ना तो कोई बॉल खेली और ना ही कोई रन बनाया। पार्टनरशिप में स्टोनिस ने 48 और हेजलवुड ने 0 रन बनाए।दरअसल इस पार्टनरशिप की शुरुआत के बाद से ही स्टोनिस ने पूरे वक्त स्ट्राइक अपने पास रखी, ताकि कोई विकेट ना गिर सके। इसी वजह से हेजलवुड कोई बॉल नहीं खेल सके। जब वे रनआउट हुए उस वक्त भी स्टोनिस स्ट्राइक लेना चाहते थे। इसके साथ ही 34 वनडे मैच खेलकर जोश हेजलवुड पहली बार आउट हुए। इस मैच को जीतकर न्यूजीलैंड ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।

