भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले डीआरएस को अपनाने का निर्णय किया था। बीसीसीआई के इस निर्णय के बाद इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि क्या भारत डीआरएस तकनीक का उसी प्रकार अधिकतम फायदा उठा पाएगा जैसे विदेशी टीमें उठाती हैं। लेकिन, एक बार जब विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया इस तकनीक के सभी पहलुओं का समझ गई तो डीआरएस के तहत की गई अपील के नतीजे भी अधिकतम मिलने लगे। हालांकि डीआरएस में दिमाग भी तेज चलाना होता है और बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इकलौते टेस्ट मैच के चौथे दिन विराट कोहली ने अपने तेज दिमाग का परिचय दिया।
बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट मैच के आखिरी दिन विराट कोहली ने तस्कीन अहमद के खिलाफ थर्ड अंपायर के नॉट आउट फैसले को अपनी सूझबूझ से आउट में तब्दील करा दिया। आप ये सोच रहे होंगे की थर्ड अंपायर द्वारा नाट आउट दिए जाने के बाद विराट कोहली कैसे उस फैसले को आउट में तब्दील करवा सकते हैं।लेकिन, विराट कोहली ने ऐसा ही किया और वो भी नियमों के दायरे में रहते हुए। दरअसल, बांगलादेश की टीम 459 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी दूसरी पारी में 250 रन के स्कोर पर 9 विकेट गवां चुकी थी। रविचंद्रन अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे और उनके सामने थे बांग्लादेश के टेलेंडर तस्कीन अहमद।
रविचंद्रन अश्विन की गेंद को तस्कीन अहमद लेग साइड में फ्लिक करना चाहते थे और गेंद उनके बल्ले को छकाते हुए पैड पर जा लगी। भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने जोरदार अपील की और फील्ड अंपायर मराइस इरैसमस ने टीवी अंपायर के पास अपील को रेफर कर दिया। अंपायर को लग रहा था कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर पैड पर टकराई थी और क्रीज के नजदीक फील्डर ने उसे कैच कर लिया था। लेकिन, टीवी अंपायर ने रिप्ले देखकर साफ कर दिया की गेंद ने बल्ले का किनारा नहीं लिया था और तस्कीन को नॉट आउट दे दिया। इसके बाद विराट कोहली ने बिना वक्त गवांए थर्ड अंपायर के फैसले के खिलाफ डीआरएस लेने का फैसला किया और एलबीडब्लू के लिए अपील कर दी।
थर्ड अंपायर ने एक बार फिर रिप्ले और हॉक आई तकनीक का सहारा लिया। इस बार रिप्ले में साफ था कि गेंद लेग स्टंप को हिट कर रही थी और लाइन लेंथ पर थी। इसके बाद थर्ड अंपायर क्रिस गैफने ने अपने फैसले को पलटते हुए तस्कीन अहमद को एलबीडब्लू आउट करार दिया। अंपायर का फैसला आते ही सभी भारतीय खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिलाने लगे और बांग्लादेश की पूरी टीम 250 रन के स्कोर पर पवेलियन लौट गई। भारत ने यह मैच 208 रनों से अपने नाम कर लिया। यह विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम की लगातार छठी टेस्ट सीरीज जीत थी।
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