सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे वनडे मैच के दौरान अंपायरों ने एक हैरान करने वाला फैसला लिया। 119 रनों का पीछे करने उतरी भारतीय टीम ने 19 ओवर तक 117 रन बना लिए थे। अब टीम जीत से महज दो रन दूर थी, लेकिन अंपायरों ने यहां खेल रोकने का निर्णय ले लिया। अंपायर के इस फैसले को सुन बल्लेबाजी कर रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली भी चौंक गए। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका की टीम 32.2 ओवर ही खेल पाई, जिसके बाद इनिंग ब्रेक नहीं दिया गया और भारतीय बल्लेबाज लक्ष्य का पीछा करने 10 मिनट बाद ही आ गए। फील्ड अंपायर अलीम डार और एडरियान होल्डस्टोक के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस ने अंपायरों का जमकर मजाक उड़ाया। भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी अंपायर को लेकर एक ट्वीट किया। सहवाग ने लिखा, ”अंपायर ने भारतीय बल्लेबाजों के साथ ठीक वैसा ही किया है, जैसा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी अपने कस्टमर के साथ करते हैं। लंच के बाद आना”। सहवाग के इस ट्वीट के बाद कुछ बैंक कर्मचारी निराश हुए और सहवाग के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे।
सहवाग के इस ट्वीट पर एक यूजर्स ने कमेंट करते हुए लिखा, ”मैं सरकारी बैंक कर्मचारी हूं और मैंने कभी ग्राहकों को लंच के बाद आने के लिए नहीं कहा”। इसके बाद सहवाग ने ट्वीट कर लिखा, ”आप नहीं कराते होंगे, लेकिन लंच के अलावा भी कई बहाने होते हैं जैसे- सर्वर खराब, प्रिंटर नहीं चल रहा। सरकारी डिपार्टमेंट्स में कोई बदलाव नहीं आया है और यह स्थिति बेहद खराब है”। सहवाग के इस ट्वीट के बाद एक शख्स ने लिखा, ”सर, इस बात का मैं बुरा मान गया, मैंने हमेशा आपके मैच देखे हैं। सरकारी बैंक में काम करता हूं और ग्राहकों से अच्छा व्यवहार भी करता हूं।
Umpires treating Indian batsmen like PSU Bank treat customers. Lunch ke baad aana #INDvSA
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 4, 2018
इस शख्स को जवाब देते हुए सहवाग ने लिखा, ”बुरा ना मान भाई, तू सही होगा। ज्यादातर सरकारी डिपार्टमेंट्स की हालत ऐसी ही है, उनका एटीट्यूड माई-बाप की तरह होता है। उनके व्यवहार से लगता है कि वह नौकरी करके लोगों पर एहसान कर रहे होते हैं। इसके अलावा भी सहवाग ने कई ट्वीट को रिट्वीट किया है, वहीं अंपायर के फैसले पर क्रिकेट के कई दिग्गजों ने एतराज जताया है।
Bura na maan bhai. Tu exception hai. Most Sarkaari banks , infact most sarkaari departments don’t care for the common man. The attitude is like Maai Baap , as if they are doing a favour if they do their job. https://t.co/CRfkuSQCEb
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 5, 2018
You are also an exception. Apart from lunch most others also have the excuse of server kharaab, printer nahi chal raha. Unfortunately hasn’t changed in most sarkaari departments https://t.co/faeYzdyRBy
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 5, 2018