भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मुकाबला राजकोट में 9 नवंबर से शुरू होगा। इस सीरीज को ‘रिवेंज सीरीज’ कहा जा रहा है। क्योंकि भारत पिछली तीन सीरीज में इंग्लैंड से मात खा चुका है। पहले उसे इंग्लैंड दौरे पर 4-0 से बुरी हार मिली। इसके बाद घरेलू जमीन पर भी 2-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी और दो साल पहले इंग्लैंड ने उसे अपने घर में एक बार फिर 3-1 से रौंद डाला। हालांकि इस बार हालात बदले हुए हैं। टीम इंडिया की कमान विराट कोहली के पास है। कोहली के नेतृत्व में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन बन चुका है। साथ ही उसने दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को भी हराया है। हालांकि इंग्लैंड जितनी कमजोर दिख रही है उतनी है नहीं। इंग्लैंड ही एकमात्र ऐसी टीम है जिसने भारत में पिछले कुछ सालों में सीरीज जीती है।
भारत इस समय जबरदस्त फॉर्म में है। कोहली की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को उसी के घर में 2-1 से, बांग्लादेश को उसी की जमीं पर 1-0 और वेस्ट इंडीज को 2-0 से हराया था। इसके अलावा पिछले साल दक्षिण अफ्रीका को 3-0 व पिछले महीने ही न्यूजीलैंड को 3-0 से परास्त किया था। विराट कोहली के लिए यह सीरीज निजी रूप से भी काफी अहम होगी। दो साल पहले चार टेस्ट की सीरीज में वे बुरी तरह से नाकाम रहे थे। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की गेंदों का कोहली के पास कोई जवाब नहीं था। वे छह पारियों में चार बार एंडरसन के शिकार बने। चारों बार वे विकेट के पीछे लपके गए। इससे पहले भारत में हुए कोलकाता टेस्ट में भी कोहली का विकेट एंडरसन को ही मिला। इस तरह से इंग्लिश गेंदबाज ने चार टेस्ट में पांच बार कोहली का विकेट लिया।
कोहली ने एंडरसन की 111 गेंदों का सामना किया है और केवल 30 रन बनाए हैं। इनमें से एंडरसन की 92 गेंद डॉट रही। कोहली के पास अब इस रिकॉर्ड को सुधारने का मौका होगा। एंडरसन ही वजह थे कि इंग्लैंड दौरे पर कोहली आठ पारियों में केवल 108 रन बना पाए। इंग्लैंड दौरे पर कोहली एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए थे। दो बार तो वे बिना खाता खोले आउट हुए थे। इंग्लैंड ही एकमात्र टीम है जिसके खिलाफ कोहली का रिकॉर्ड खराब है।
इंग्लैंड दौरे के बाद से कोहली ने अपने टेस्ट रिकॉर्ड में जोरदार सुधार किया है। उसी साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वे भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बन गए थे। उस दौरे पर कोहली ने लगातार दो शतक भी लगाए थे। वहीं इस साल कोहली धमाकेदार फॉर्म में हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में दो दोहरे शतक भी उड़ा चुके हैं।