भारतीय टेस्ट टीम के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। कप्तान विराट कोहली ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा। इसकी वजह पुजारा का खराब फॉर्म भी माना जा सकता है। इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो दिन के खेल पर नजर डाले तो अभी तक यह मुकाबला बराबरी का रहा है। तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जल्द से जल्द आउट करने की होगी। पहली पारी के दौरान भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली सबसे अधिक 149 रन बनाने में कामयाब रहे। कोहली के अलावा कोई और बल्लेबाज 30 रन बनाने में भी कामयाब नहीं हो सका। कोहली के अलावा धवन ने 26 रन बनाया और वह भारत के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। भारतीय मिजिल ऑर्डर पहले मैच में जिस तरह से फेल हुई ऐसे में सभी के जहन में एक सवाल जरूर आया होगा कि पुजारा को टीम में शामिल ना कर विराट कोहली ने कोई बड़ी गलती तो नहीं की?

पिछले कुछ समय से चेतेश्वर पुजारा आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं। इंग्लैंड में खेले गए काउंटी मैचों में भी पुजारा का प्रदर्शन औसत दर्जे का ही रहा था। भले ही पुजारा आउट ऑफ फॉर्म हो, लेकिन पहले मैच में टीम क उनकी कमी निश्चित तौर पर खली होगी। पुजारा को लेकर जारी किए गए एक आकड़े की बात करें तो पुजारा की मौजूदगी में भारतीय टीम करीब 57 प्रतिशत मैचों में जीत हासिल की है। वहीं पुजारा के बिना टीम 23 टेस्ट में सिर्फ 6 में जीत हासिल कर पाई है।
पुजारा के टेस्ट करियर की बात करें तो पुजारा ने अभी तक 58 टेस्ट मैचों में 50.34 की औसत से 4, 531 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 14 शतक और 17 अर्धशतक भी निकले हैं। हालांकि, साल 2018 में पुजारा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पुजारा ने इस साल खेले गए चार टेस्ट मैचों 20 से भी कम के औसत से महज 135 रन बनाए।