एक दौर था जब सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरते थे तो क्रिकेट का कोई ना कोई रिकॉर्ड टूटता था। अभी भी बल्लेबाजी के अधिकतर बड़े रिकॉर्ड उनके नाम ही हैं। तब उनकी तुलना ब्रेडमैन से की जाती थी। टेस्ट में यदि बल्लेबाजी औसत के रिकॉर्ड को छोड़ दें तो सचिन तेंदुलकर ने अन्य मामलों में ब्रेडमैन को पीछे छोड़ा है। अब विराट कोहली का दौर है और वो जब बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आते हैं तो क्रिकेट के कई रिकॉर्ड अपने नाम करते हैं। लगातार रन बना रहे विराट कोहली की तुलना सचिन से हो रही है। हालांकि, दोनों खिलाड़ियों की रणनीति, तकनीक, नजरिया और खेलने का तरीका अलग-अलग है, लेकिन प्रशंसकों का नजरिया तुलनात्मक ही रहता है।
सचिन तेंदुलकर की जब बात होती है तो यह आरोप लगता है कि वो टीम के लिए कम और अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए ज्यादा खेलते थे। वहीं, विराट कोहली ने अपनी छवि मैच जिताने वाले खिलाड़ी के रूप में विकसित की है। विराट कोहली के रिकॉर्ड्स भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि वो एक मैच विजेता खिलाड़ी हैं। विराट कोहली रनों का पीछा करते हुए एक अलग किस्म के बल्लेबाज नज़र आते हैं और दबाव में बल्लेबाजी करना उनका शगल बनता जा रहा है। यदि हम सचिन और विराट के रिकॉर्ड की तुलना करें तो यह साबित होता है कि विराट रनों का पीछा करते हुए बेहतर बल्लेबाजी करते हैं। विराट जब मैदान में बल्लेबाजी के लिए आते हैं तो क्रिकेट प्रेमियों को यह विश्वास रहता है कि मैच में भारत बना हुआ है।
विराट हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर चार सीरीज में लगातार चार दोहरे शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में लक्ष्य का पीछा करते हुए 17वां शतक लगाने के सचिन के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी। सचिन ने 463 वनडे मैचों में रनों का पीछा करते हुए 17 शतक लगाया था तो वहीं विराट कोहली ने सिर्फ 179 वनडे मैचों में ही यह कारनामा कर दिखाया है। लक्ष्य का पीछा करने के दौरान शतक लगाकर जीत दिलाने के मामले में विराट सबसे आगे हैं। उनके द्वारा रनों का पीछा करते हुए लगाए गए 17 शतकों में 15 बार टीम जीती है, वहीं सचिन द्वारा रनों का पीछा करते हुए लगाए गए 17 शतकों में 14 बार टीम को जीत मिली है।
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हालांकि, कुछ पूर्व क्रिकेटर तकनीक के मामले में विराट को सचिन से कमतर मानते हैं। पाक के पूर्व बल्लेबाज मुहम्मद यूसुफ ने हाल ही में कहा था कि मैं विराट का श्रेय नहीं छीनना चाहता, लेकिन सचिन से उनकी कोई तुलना नहीं हो सकती। यूसुफ ने यह तर्क दिया कि सचिन इसलिए विराट कोहली से ज्यादा बेहतर थे, क्योंकि वह ऐसे युग में खेले, जिसमें वर्तमान युग से बेहतर विरोधी टीमें, तेज गेंदबाज और स्पिनर्स थे। हालांकि, विराट कोहली खुद कह चुके हैं कि उनकी सचिन तेंदुलकर से तुलना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा है कि शायद वो इतने लंबे (24 वर्षो) समय तक क्रिकेट नहीं खेल सकें। विराट की नज़र में सचिन द्वारा 200 टेस्ट, 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाना एक शानदार उपलब्धि है और इसे हासिल करना असंभव जैसा है।
