World cup 2019: इंग्लैंड क्रिकेट टीम का विश्व विजेता बनने का सपना आखिरकार रविवार को क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉडर्स मैदान पर बेहद नाटकीय अंदाज में 44 साल बाद पूरा हो गया। इंग्लैंड ने आईसीसी विश्व कप-2019 के फाइनल में न्यूजीलैंड को सुपर ओवर से मात दे पहली बार विश्व विजेता का तमगा हासिल किया है और इतिहास रचा। यह विश्व कप का पहला फाइनल था जो सुपर ओवर में गया। इतना ही नहीं इस मैच में सुपर ओवर भी ड्रा हो गया। ऐसे में इंग्लैंड को इस मैच में न्यूजीलैंड से ज्यादा बाउंड्रीज लगाने के कारण जीत मिली। आईसीसी के इस नियम की क्रिकेट पंडित और पूर्व खिलाड़ी आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में इसको लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी राय दी है।
सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को विश्व कप फाइनल जैसी स्थिति आने पर ‘बाउंड्री’ की संख्या के आधार पर विजेता का निर्धारण करने के बजाय एक दूसरा सुपर ओवर खेलने की वकालत की। तेंदुलकर ने 100एमबी से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दोनों टीमों की बाउंड्री पर विचार करने के बजाय एक अन्य सुपर ओवर से विजेता का फैसला होना चाहिए था। केवल विश्व कप फाइनल ही नहीं, प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण है। जिस तरह से फुटबाल में जब टीमें अतिरिक्त समय में जाती है तो पूर्व का खेल कुछ मायने नहीं रखता।’’
तेंदुलकर से पूछा गया कि नाकआउट चरण में विश्व कप के प्रारूप में बदलाव की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘‘जो दो टीमें चोटी पर रहती हैं उनके लिए निश्चित तौर पर निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कुछ होना चाहिए।’’ उन्होंने इसके साथ ही कहा कि सेमीफाइनल में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नंबर सात के बजाय नंबर पांच पर भेजा जाना चाहिए था। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘निसंदेह, मैं धोनी को नंबर पांच पर भेजता। भारत तब जिस स्थिति में था तब वह पारी संवार सकते थे। हार्दिक छठे और कार्तिक सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आ सकते थे।’’
(भाषा इनपुट के साथ)