प्रशासकों की समिति ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के क्रिकेट प्रमुख के रूप में राहुल द्रविड़ की नियुक्ति में ‘हितों के टकराव’ का कोई मसला नहीं है। सीओए के नए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे ने कहा कि गेंद अब बीसीसीआई के लोकपाल सह आचरण अधिकारी डी के जैन के पाले में है। थोडगे ने कहा, ‘राहुल के मामले में हितों का टकराव नहीं है। उन्हें नोटिस मिला था और हमने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी। हमें हितों का टकराव नहीं दिखा लेकिन अगर लोकपाल को लगता है तो हम उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘उसके बाद वह इस पर गौर करेंगे। यह एक प्रक्रिया है जो जारी रहेगी।’ भारतीय क्रिकेट के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक द्रविड़ पर एनसीए में नियुक्ति के बाद हितों के टकराव का आरोप लगा था चूंकि वह इंडिया सीमेंट्स के कर्मचारी है जो चेन्नै सुपर किंग्स टीम की मालिक है।

द्रविड़ ने अपना जवाब जैन को भेज दिया है लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है या नहीं। सीओए ने उनकी नियुक्ति के समय स्पष्ट किया था कि द्रविड़ को इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष का पद छोड़ना होगा या कार्यकाल पूरा होने तक छुट्टी पर रहना होगा। द्रविड़ ने इंडिया सीमेंट्स से अवैतनिक अवकाश मांगा था जिसके बाद एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ शिकायत की थी।

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राहुल द्रविड़ भारत को कई मैच अपने दम पर जिताने में सफल रहे हैं। द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 13288 रन बनाए हैं और उनके नाम 36 शतक भी हैं। वनडे में द्रविड़ ने 344 मैंचों में 10889 रन बनाए हैं। जिसमें 12 शतक भी जड़े हैं। द्रविड़ को टेस्ट का स्पेशलिस्ट माना जाता था जिनकी जगह आज भी भारतीय टीम में कोई दूसरा खिलाड़ी भरने में सफल नहीं हो सका है। (भाषा इनपुट के साथ)