कश्मीर में प्रदर्शन और तनाव के चलते जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम के सामने इस साल रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लेने को लेकर संकट खड़ा हो गया है। जम्मू कश्मीर रणजी टीम में ज्यादातर क्रिकेटर घाटी से आते हैं। वर्तमान हालात के चलते वे शायद ही टीम कैंप का हिस्सा बन पाएं। हालांकि टीम के कप्तान परवेज रसूल इस सयम दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में खेल रहे हैं और इंडिया ब्ल्यू के सदस्य हैं। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कुछ खिलाड़ी इस सीजन में खेलने से मना कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछली बार रणजी ट्रॉफी खेली टीम के एक सदस्य ने बताया, ”बहुत ज्यादा लोग मर गए हैं। मुझे नहीं पता क्या कहा जाए। वर्तमान हालात ने हमारे सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां लोग मर रहे हैं वहां खड़े होकर आप क्रिकेट के बारे में नहीं सोच सकते। वर्तमान स्थिति में मैं इस सीजन के लिए अनुपलब्ध होने की सोच रहा हूं।”
एक अन्य खिलाड़ी ने कहा, ”हम शांति का इंतजार कर रहे हैं। हम हमारा दर्द बयां नहीं कर सकते। क्रिकेट राहत दे सकता है लेकिन इससे यहां मौजूद हमारे लोग गुस्सा हो सकते हैं। तनाव काफी ज्यादा है।” पिछले साल रणजी ट्रॉफी में खेली जम्मू कश्मीर टीम के आठ खिलाड़ी घाटी से आते हैं। जम्मू कश्मीर की टीम को पिछले साल भी श्रीनगर में आई बाढ़ के कारण राज्य से बाहर खेलना पड़ा था। श्रीनगर का स्टेडियम बाढ़ के पानी के कारण खराब हो गया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर क्रिकेट बोर्ड में दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने भी खिलाडि़यों को दो धड़ों में बांट दिया था। एक गुट का प्रतिनिधित्व फारुक अब्दुल्ला कर रहे थे जबकि दूसरे का नेतृत्व खेल मंत्री इमरान रजा अंसारी के पास था। शुरुआती मैचों के दौरान तो दो टीमें खेलने के लिए पहुंच गई थी। बाद में समझौता हुआ जिसमें दोनों टीमों के खिलाडि़यों को एक किया गया था। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में तनाव के बीच अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी है।

