भारत की महिला क्रिकेट टीम मैदान पर कमाल दिखा रही है। मिताली राज की अगुवाई में टीम इंडिया ने लगातार 13 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतने का रिकॉर्ड बना दिया है। अब टीम इंडिया से आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई महिलाएं हैं जिन्होंने एक बार 17 और दूसरी बार 16 वनडे मैच लगातार जीते थे। भारत और इंग्लैंड लगातार 13 जीत के साथ दूसरे स्थान पर हैं, मगर भारत के पास आगे निकलने का मौका है। भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, तीनों टीमें वर्ल्ड कप जीत चुकी हैं, मगर उनमें से किसी भी टीम ने लगातार इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, जितना मिताली राज की टीम ने दिखाया। महिला वर्ल्ड कप 2017 के क्वालिफायर मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी गेंद पर जीत हासिल कर टीम इंडिया ने अपना लोहा मनवा लिया है। मिताली के अलावा, हरमनप्रीत कौर, झूलन गोस्वामी और एकता बिष्ट जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने टीम को स्थायित्व दिया है तो कोच पूर्णिमा राव ने खिलाड़ियों को प्रेरित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अगस्त, 2014 में आईसीसी की महिला चैंपियनशिप शुरू होने के बाद से भारत ने 25 मैचों में सिर्फ 25 खिलाड़ियों को मौका दिया है। कुछ खिलाड़ियों की जगह टीम में पक्की है तो दौर और वहां की कंडीशन के हिसाब से अन्य खिलाड़ियों के चयन ने सफलता दिलाई है। 2016 की शुरुआत से लेकर अब तक भारत के हिस्से में पांच शतक और 13 अर्द्धशतक आ चुके हैं। महिला क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों के बीच भारतीय टीम की जीत का औसत सबसे अच्छा है।
गेंदबाजी के लिहास से देखें तो 4 बार किसी भारतीय महिला गेंदबाज ने किसी पारी में चार विकेट, एक बार पांच विकेट और एक बार छह विकेट झटके हैं। विपक्षी बल्लेबाजों को घेरने में महिला टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा है। सिर्फ चार बार ही ऐसा हुआ है जब विरोधी टीम 200 या उससे ज्यादा का स्कोर बनाने में सफल हुई है।
महिला क्रिकेट टीम की परफॉर्मेंस बेहतर होते देख भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी सुविधाएं बढ़ा दी हैं। अब टीम इंडिया पास सात-सदस्यीय महिला सपोर्ट स्टाफ है, जिसमें एक फील्डिंग कोच और एक ट्रेवलिंग सेलेक्टर भी शामिल है। ड्रेसिंग रूम में भरोसे का माहौल बना है, जहां से अभी तक मतभेदों की खबरें आती थीं। यह सब बंद होते ही असर दिखने लगा है।
23 जुलाई को भारतीय महिला क्रिकेट टीम एक बार फिर से वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठा पाएगी या नहीं, ये कहना जरा मुश्किल है। मगर जैसा प्रदर्शन टीम ने पिछले कुछ महीनों में दिखाया है, उससे फैंस की उम्मीदें बढ़ गई है। खासतौर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्वालिफायर मुकाबले में जिस तरह से टीम ने जीत हासिल की, उससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बेहद बढ़ा हुआ है।
घायल मिताली की जगह बल्लेबाजी करने आई हरमनप्रीत ने नाबाद 41 रनों की पारी खेली जिसमें आखिरी दो गेंदों पर एक छक्का और अगली गेंद पर जीत मिली। यह भारतीय महिला टीम द्वारा सफलतापूर्वक चेज किया सर्वाधिक स्कोर था।

