भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी विकेटकीपिंग के लिए भी जाने जाते हैं। साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना डेब्यू करने वाले धोनी के लिए अपनी जगह को बचाए रखना कतई आसान नहीं था। भारतीय टीम में दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल और नमन ओझा जैसे विकेटकीपर लंबे समय से टीम में आने का इंतजार कर रहे थे। राहुल द्रविड़ के बाद दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल को कुछ मैचों के दौरान खेलने का मौका मिला, लेकिन इस दौरान वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। वहीं पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए वनडे सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी रातोंरात सुपर स्टार बन गए। धोनी ने ना सिर्फ अपने बल्ले से बल्कि विकेटकीपिंग से भी दिग्गजों को खासा प्रभावित किया। गौरव कपूर के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पार्थिव पटेल ने धोनी की सफलता के पीछे का राज खोलते हुए कहा कि धोनी हमारी वजह से कामयाब क्रिकेटर बनने में सफल रहे। दरअसल, जब पार्थिव से पूछा गया कि क्या आप गलत दौर में पैदा हो गए??

इस सवाल का जवाब देते हुए पार्थिव कहते हैं, नहीं। मैं ऐसा बिल्कुल महसूस नहीं करता। धोनी ने हम सबसे बेहतर क्रिकेट खेली, जिस बदौलत आज वह अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। धोनी की इस सफलता में हमारा भी हाथ रहा। अगर हम उस दौरान खराब क्रिकेट नहीं खेलते तो शायद धोनी को मौका ही नहीं मिला होता और वह आज वहां नहीं पहुच पाते जहां वो हैं। अपने जीवन के संघर्षों के बारे में बात करते हुए पार्थिव ने शो के दौरान कई राज खोले।
पार्थिव ने बताया कि उस दौरान टीम सिलेक्शन जानने के लिए हमें टीवी के पास बैठना पड़ता था। भारतीय ए टीम की तरफ से खेलने के बाद वह घर आकर सो गए थे और तभी उनकी बहन ने उन्हें आकर बताया कि उनका सिलेक्शन भारतीय टीम में हो गया है। बहन की बात सुन उन्हें लगा कि वो सपने में हैं, लेकिन जब आंख खुली तो उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था। पार्थिव अपने क्रिकेट करियार में भारत के लिए 38 वनडे और 25 टेस्ट खेल चुके हैं।