क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के ज्यादातर रिकॉर्ड हैं। टेस्ट हो या वनडे सचिन के आंकड़े बताते हैं कि वे कितने महान खिलाड़ी थे। सचिन ने वनडे क्रिकेट में बतौर सलामी बल्लेबाज ढेरों रिकॉर्ड बनाए हैं। टेस्ट और वनडे मैचों में सबसे अधिक रन बनाने के बावजूद, अपने शानदार करियर की शुरुआत में तेंदुलकर को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरने के लिए टीम मैनेजमेंट के सामने काफी मिन्नतें करनी पड़ी थीं। भारत रत्न से सम्मानित होने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी ने खुद यह रहस्योद्घाटन किया है।
सितंबर 1994 में मास्टर-ब्लास्टर को पहली बार मध्य-क्रम की जगह सलामी बल्लेबाजी करने का मौका मिला। सचिन ने इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं दिया और अपने वनडे करियर का पहला शतक जड़ा। हाल ही में एक चैट शो में, तेंदुलकर ने एक दिलचस्प कहानी का खुलासा किया कि कैसे उन्हें मैनेजमेंट के सामने हाथ जोड़ने पड़े थे और इस अवसर के लिए निवेदन करना था। क्योंकि उस समाय मैनेजमेंट चाहता था कि जैसा चल रहा है वैसा ही रहे वे कुछ नया नहीं करना चाहते थे।
सचिन ने कहा, ”1994 में जब मैंने भारत के लिए सलामी बल्लेबाजी की शुरुआत की, तब सभी टीम शुरुआत में विकेट बचाने की रणनीति अपनाते थे। मैंने आउट ऑफ द बॉक्स जाकर कुछ करने की कोशिश की। मैंने आगे बढ़कर विपक्षी गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश की। लेकिन इसके लिए मुझे मैनेजमेंट से के सामने गिड़गिड़ाना पड़ा कि कृपया मुझे एक मौका दें अगर मैं विफल रहता हूं, तो मैं आपके बाद फिर से नहीं आऊंगा।
सचिन ने कहा “ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले ही मैच में मैंने 49 गेंदों में 82 रन बनाए, इसके बाद मुझे पूछने कि जरूरत नहीं पड़ी कि क्या मुझे एक और मौका मिलेगा। मैं यहां कहना चाहता हूं, कि कभी भी असफलता से डरना नहीं चाहिए।” तेंदुलकर ने अपने पहले वनडे शतक के बाद कभी मुड़कर नहीं देखा। अगले 385 वनडे मैचों में तेंदुलकर ने ओपनिंग की और 49 शतक बनाए और 16,000 से अधिक रन बनाएंगे।