मिसबाह उल हक अगले महीने होने वाले वेस्टइंडीज दौरे पर पाकिस्तान की अगुआई करेंगे जिससे टीम के कप्तान के रूप में उनके भविष्य को लेकर जारी अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने घोषणा की कि 42 साल के मिसबाह 22 अप्रैल से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला में पाकिस्तान की कप्तानी जारी रखेंगे। टेस्ट श्रृंखला के बाद चार टी20 और तीन वनडे मैचों की श्रृंखला का आयोजन भी किया जाएगा।
पीसीबी ने बयान में बताया कि मिसबाह ने बोर्ड अध्यक्ष शहरयार खान को दौरे को लेकर अपनी उपलब्धता के बारे में अवगत करा दिया है। बयान के अनुसार, ‘इसी के मुताबिक अध्यक्ष ने वेस्टइंडीज में आगामी टेस्ट श्रृंखला के लिए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में उनकी नियुक्ति को स्वीकृति दी।’ उन्होंने कहा, ‘अध्यक्ष ने सरफराज खान की पाकिस्तान टेस्ट टीम के उप कप्तान के रूप में नियुक्ति को भी स्वीकृति दे दी है।’ सरफराज पहले ही एकदिवसीय और टी20 राष्ट्रीय टीम के कप्तान हैं।
भारत की जगह लेने के लिए श्रीलंका-बांग्लादेश के संपर्क में पीसीबी
भारत के एमओयू पर अमल करने की अनिश्चितता के बीच पाकिस्तान ने इस साल सर्दियों के लिए बैकअप योजना पर काम करना शुरू कर दिया है और घरेलू द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए वह पाकिस्तान और श्रीलंका के संपर्क में है। बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हुए एमओयू के अनुसार भारत और पाकिस्तान को इस साल दिसंबर में पूर्ण टेस्ट श्रृंखला खेलनी है। लेकिन भारत के 2007 से पाकिस्तान के साथ पूर्ण टेस्ट श्रृंखला खेलने से इनकार करने के कारण पीसीबी को यकीन है कि वह विराट कोहली की टीम के खिलाफ होने वाली श्रृंखला के लिए आरक्षित समय में बांग्लादेश या श्रीलंका की मेजबानी कर सकता है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी बोर्ड के प्रमुख नजम सेठी ने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि इन सर्दियों में हमें पाकिस्तान में बांग्लादेश या श्रीलंका की टीम खेलते हुए दिखेगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमने उनके साथ चर्चा शुरू की है और लाहौर में पाकिस्तान सुपर लीग के फाइनल की सफल मेजबानी के बाद अब हम आश्वस्त हैं।’ पीसीबी के एक सूत्र ने पुष्टि की कि पाकिस्तान को भारत के श्रृंखला खेलने की प्रतिबद्धता पूरी करने की कोई उम्मीद नहीं है।
सूत्र ने कहा, ‘हमें इस साल स्थिति में बदलाव होता नजर नहीं आता और साथ ही हम मुआवजा हासिल करने की कानूनी प्रक्रिया पर आगे बढ़ने की भी योजना बना रहे हैं जो हमारी घरेलू श्रृंखला में खेलने की उनकी प्रतिबद्धता पूरी नहीं करने के लिए होगा।’ पीसीबी ने दावा किया है कि भारत के उसकी मेजबानी में दो श्रृंखला खेलने से इनकार करने से उसे 20 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।
