भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ​क्रिकेट के सबसे एंटरटेनिंग बल्लेबाजों में से एक रहे हैं इसमें किसी को शायद ही किसी प्रकार का शक हो। साहसिक और निर्भीक बल्लेबाजी से विपक्षी गेंदबाजों के अंदर डर कैसे पैदा किया जाता है यह कला कोई वीरेंद्र सहवाग से सीखे। जब वो मैदान पर बल्लेबाजी के लिए आते थे तो विश्व क्रिकेट का शायद ही कोई गेंदबाज हो जिसको सहवाग के सामने गेंदबाजी करने में मजा आता हो। वीरेंद्र सहवाग अकेले दम पर किसी मैच का पासा पलटने का माद्दा रखते थे। वीरेंद्र सहवाग अब क्रिकेट से भले ही संन्यास ले चुके हैं, लेकिन जब भी विस्फोटक बल्लेबाजी की बात होती है तो वीरेंद्र सहवाग को जरूर याद किया जाता है।

पुणे में भारत को आॅस्ट्रेलिया के हाथों चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में 333 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद आॅस्ट्रेलिया के दो पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने ट्वीट किया कि भारत को इस मैच में यदि कोई हार से बचा सकता था तो वो खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग हैं। पुणे टेस्ट मैच के तीसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया कि भारत को इस टेस्ट मैच में जीत दर्ज करने के लिए सूझबूझ से बैटिंग करने होगी। सहवाग ने शूट पहनकर बैटिंग स्टांस लिए हुए एक फोटो ट्विटर पर शेयर किया और लिखा, ‘शूट बूट वाली बैटिंग, भारत को करनी होगी सूझ बूझ वाली बैटिंग। पहले आॅस्ट्रलिया को आॅलआउट करो। लंच ब्रेक स्कूल वाले दिनों की याद ताजा कर देता है।’

हालांकि, दूसरे सत्र में कुछ घंटों के खेल में ही भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और आॅस्ट्रेलिया ने 13 साल बाद भारतीय सरजमीं पर टेस्ट मैच में जीत दर्ज की। वीरेंद्र सहवाग की इस तस्वीर पर आॅस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने ट्वीट किया, ‘तुम इस पिच पर भी शतक बना सकते हो दोस्त।’ वीरेंद्र सहवाग और माइकल क्लार्क के इस ट्विटर कन्वर्सेशन में महान स्पिनर शेन वॉर्न भी शामिल हुए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत को इस स्कोर का पीछा करने के लिए आप जैसे बल्लेबाज की जरूरत है लेजेन्ड!’ पुणे टेस्ट मैच में भारत की हार के बाद क्रिकेट प्रशंसकों ने विराट कोहली और टीम की आलोचना शुरू कर दी। वीरेंद्र सहवाग ने फैंस को समझाते हुए ट्वीट किया, ‘अच्छे दोस्त बुरे वक्त को भी आसान बना देते हैं। यह हार निराशाजनक है लेकिन आप लोग अच्छे दोस्त की तरह हो। इस समय टीम को आपके सपोर्ट की जरूरत है।’