उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएम लोढ़ा समिति की हिदायत मानते हुए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) ने सोमवार (29 अगस्त) को अपनी वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में प्रस्तावित चुनाव टालने का फैसला किया। एजीएम ने इसके साथ ही फैसला किया कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को देखते हुए चुनावी प्रक्रिया की स्थिति स्पष्ट होने तक उसकी निवर्तमान प्रबंध समिति और कार्यकारिणी संघ के संविधान के मुताबिक बरकरार रहेगी। एमपीसीए के चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एजीएम के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने एजीएम में फैसला किया है कि जब तक लोढ़ा समिति और बीसीसीआई की ओर से हमें स्पष्ट निर्देश नहीं मिल जाते और चुनावी प्रक्रिया को लेकर स्थिति साफ नहीं हो जाती, तब तक हमारी निवर्तमान प्रबंध समिति और कार्यकारिणी हमारे संविधान के मुताबिक पहले की तरह काम करती रहेगी।’

सिंधिया की अगुवाई वाली निवर्तमान प्रबंध समिति का कार्यकाल हालांकि 31 अगस्त को खत्म होने वाला है, लेकिन एमपीसीए के संविधान में प्रावधान है कि अगर किसी वजह से द्विवार्षिक चुनाव नहीं हो पाते हैं और एक सितंबर से पहले संगठन की नई प्रबंध समिति गठित नहीं हो पाती है, तो निवर्तमान प्रबंध समिति और कार्यकारिणी नयी प्रबंध समिति के गठन तक काम करती रहेगी। एमपीसीए चेयरमैन ने कहा, ‘लोढ़ा समिति और बीसीसीआई की ओर से हमें जो भी निर्देश मिलेंगे, हम उनका पालन करेंगे। हमारी आज की एजीएम की तमाम गतिविधियां हमारे संविधान के तहत हुई हैं, जिनमें बही.खातों के हिसाब-किताब को स्वीकृति देने और नैतिक व आचार संहिता समिति के गठन का फैसला शामिल है।’ लोढ़ा समिति ने हाल ही में एमपीसीए को हिदायत दी थी कि वह फिलहाल अपने द्विवार्षिक चुनाव न कराए।

सिंधिया ने बताया कि एमपीसीए ने अपनी एजीएम में लोढ़ा समिति की सिफारिशों और बीसीसीआई के निर्देशों के मुताबिक लोकपाल की नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी है और एमपीसीए जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति करेगा। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन में सुधार के लिये नयी रणनीति बनायी जानी चाहिये और नौकरशाही की जटिलताओं को दूर किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों तक खेल प्रतिभा खोज अभियान चलाने, कोचिंग व खेल अधोसंरचना की गुणवत्ता सुधारने और खेलों के लिये सरकारी बजट बढ़ाने की जरूरत है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने से नहीं चूके। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी ने भाषण दिया था कि अगर एनडीए को केंद्र की सत्ता संभालने का मौका मिलता है, तो ओलंपिक पदकों की संख्या दो से तीन गुना बढ़ा दी जाएगी। यह भाषण फिर से जनता को सुनाया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को आम लोगों को जवाब देना चाहिये कि उनकी अगुवाई वाली मौजूदा एनडीए सरकार ने पिछले दो साल के दौरान ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन सुधारने के लिये कौन-से कदम उठाए।’