भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर खिलाड़ी क्रुणाल पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। पहले मैच में रन लुटाने के बाद बाकी के दो मुकाबलों में पांड्या ने शानदार वापसी की। ऑस्ट्रेलियाई चार अहम बल्लेबाजों को आउट कर पांड्या ने भारतीय जीत में अहम योगदान दिया। तीसरे मैच में चार विकेट लेने वाले पांड्या को ”मैन ऑफ द मैच” का पुरस्कार दिया गया। इस दौरान पांड्या ने कहा, ”ब्रिसबेन में खराब प्रदर्शन के बाद खुद को प्रेरित करना बहुत मुश्किल था। पहले टी20 मैच में खराब प्रदर्शन के बाद मैं काफी हतोत्साहित हो गया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रदर्शन के लिये मुझे बेहतरीन करने की जरूरत थी। पांड्या ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘जब आप पहला मैच ऑस्ट्रेलिया में खेलते हो तो यह बहुत मुश्किल तो होता ही और ऊपर से आप चार ओवर में 53 रन गंवा दो तो यह अधिक कठिन हो जाता है। इसलिये इससे वापसी करना आसान नहीं था। मुझे खुद का मनोबल बढ़ाने में थोड़ा समय लगा, विशेषकर जब आपने इस स्तर पर कोई मैच नहीं खेला हो। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिसबेन में 50 से ज्यादा रन गंवाना मेरे लिये काफी कठिन था और मेरे लिये अगले 24 घंटे काफी मुश्किल थे। मुझे खुद को प्रेरित करना पड़ा। जब मैं मेलबर्न में दूसरा मैच खेला तो मैं अपनी योजना को लेकर काफी स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है। ’’ इस मैच में चार विकेट झटकने के बाद पांड्या का कॉन्फिडेंस भी निश्चित तौर पर बढ़ा होगा।

पांड्या ने कहा, ‘‘जब आप इस तरह वापसी करते हो तो यह काफी संतोषजनक होता है। आपने एक दिन खराब प्रदर्शन किया और फिर उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आप अच्छा करते हो तो इस संतोष और खुशी मिलती है और साथ ही यह निश्चित होता है कि आप इस स्तर के लायक हो। ’’ (एजेंसी इनपुट के साथ)